जब हम सेना के जवान, भारत की सीमाओं की सुरक्षा और राष्ट्रीय एकता को बनाए रखने वाले सशस्त्र बल के सदस्य. Also known as सैनिक, they represent the backbone of the country's defence infrastructure. इस वर्ग को समझना आसान नहीं, लेकिन भावनात्मक जुड़ाव और पेशेवर आदर्श दोनों को देखना जरूरी है। सेना के जवान का चयन, प्रशिक्षण और सेवा उम्र कई पहलुओं से जुड़ी होती है, जो बताती है कि उनका काम सिर्फ शौक नहीं, बल्कि राष्ट्र का कर्तव्य है।
एक प्रमुख भारतीय सेना, वह मुख्य डिवीजन है जो जमीन, हवा और समुद्र पर सेना के कार्यों को समन्वित करता है के साथ मिलकर रक्षा मंत्रालय, सरकार का वह विभाग है जो राष्ट्रीय सुरक्षा नीति, बजट और रणनीतिक दिशा तय करता है के निर्णयों को लागू करता है। ये दो संस्थाएँ मिलकर सुरक्षा नीति को आकार देती हैं – एक तरफ योजना और दूसरी तरफ जमीन पर कदम रखते हैं। "रक्षा मंत्रालय" आवश्यक संसाधन प्रदान करता है, जबकि "भारतीय सेना" उन संसाधनों को प्रशिक्षण, उपकरण और तैनाती के माध्यम से operational बनाती है।
सेना में भर्ती प्रक्रिया भी एक बड़ा विषय है। सैनिक भर्ती, भर्ती परीक्षण, शारीरिक मानक, और व्यक्तिगत मूल्यांकन के साथ योग्य उम्मीदवारों को चुनने की प्रक्रिया देश के विभिन्न हिस्सों में आयोजित होती है। हर साल लाखों युवा इस अवसर के लिए आवेदन करते हैं, क्योंकि यह न केवल स्थिर नौकरी देती है बल्कि सामाजिक सम्मान भी। भर्ती का सफल होना अक्सर आर्थिक स्थिति, शैक्षणिक पृष्ठभूमि और शारीरिक फिटनेस पर निर्भर करता है। इस प्रक्रिया के दौरान "सेना के जवान" का चयन कई चरणों में होता है – लिखित परीक्षा, शारीरिक परीक्षण, साक्षात्कार और अंत में मेडिकल क्लियरेंस। यह पूरी श्रृंखला इस बात को सुनिश्चित करती है कि केवल सबसे योग्य लोग ही राष्ट्र की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी संभालें।
इन सभी तत्वों को जोड़ते हुए कुछ प्रमुख संबंध बनते हैं: सेना के जवान समावेश करते हैं भारतीय सेना के विभिन्न इकाइयों को; रक्षा मंत्रालय निर्देशित करता है इन इकाइयों की रणनीति को; और सैनिक भर्ती सुनिश्चित करती है कि प्रत्येक इकाई में योग्य व्यक्ति हो। इन कड़ियों के बिना राष्ट्रीय सुरक्षा का कोई ठोस ढांचा नहीं बन सकता। यही कारण है कि जनता अक्सर शहीद बहादुरों को सम्मानित करती है और उनके परिवारों को समर्थन देती है।
नीचे आप पाएँगे एक संगठित लेख सूची जिसमें नवीनतम खबरें, विश्लेषण, और विशेष रिपोर्ट शामिल हैं – चाहे वह गुजरात में हुए राजनैतिक बदलाव हों, या विदेश में भारतीय सैनिकों की सफलता की कहानियाँ। इन लेखों को पढ़कर आप न केवल सेना के लोगों की अनुभूतियों को समझ पाएँगे, बल्कि यह भी जान सकेंगे कि देश की सुरक्षा नीति कैसे विकसित हो रही है। तो चलिए, इस संग्रह को खोलें और देखें कि आपके आसपास के कई पहलू कैसे "सेना के जवान" से जुड़े हैं।
जम्मू के कठुआ जिले में सोमवार दोपहर आंतकवादियों द्वारा सेना के काफिले पर किए गए हमले में चार सेना के जवान शहीद हो गए। यह घटना बदनोटा गांव, लोहे मल्हार क्षेत्र में हुई। आतंकवादियों ने काफिले पर ग्रेनेड फेंका, जिसमें कई सैनिक घायल हो गए। सैनिकों ने जवाबी कार्रवाई की, और तत्काल अतिरिक्त बल को बुलाया गया। यह रविवार सुबह जम्मू डिवीजन में हुई दूसरी आतंकी घटना है।