जब हम ममता बनर्जी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और त्रिआमोल कांग्रेस की संस्थापक नेता. Also known as डिशीमंत्री, वह इस राज्य की राजनीति को दो दशकों से दिशा दे रही हैं। उनके नेतृत्व में पश्चिम बंगाल, भारत के सातवें सबसे बड़े राज्य में एक प्रमुख आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र ने कई प्रमुख योजनाओं को लागू किया है। साथ ही, त्रिआमोल कांग्रेस, एक राजनैतिक दल जो 1998 में स्थापित हुआ और अब तक राज्य में प्रमुख शक्ति बनी हुई है को ममता बनर्जी ने भारत की दक्षिणी राजनीति में एक अनूठा स्थान दिलाया है। उनका प्रचार‑प्रसार शैली, लोकसभा चुनावों में जीत और निचली स्तर की नीति निर्माण प्रक्रिया ने उन्हें जनता के बीच भरोसेमंद बनाकर रखी है। ममता बनर्जी की कहानी सिर्फ सत्ता तक पहुंचने की नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव लाने की भी है, और यही इस पेज के लेखों में बुनियादी रूप से दिखाया गया है।
इन्ही सालों में उन्होंने कई विकास पहल शुरू कीं जो आज राज्य के आर्थिक परिदृश्य को बदल रही हैं। उदाहरण के तौर पर, स्वास्थ्य क्षेत्र में 2022‑2024 के बीच सार्वजनिक अस्पतालों की संख्या 15 % बढ़ाई गई, जिससे ग्रामीण इलाकों में डॉक्टर‑ऑफ़‑ड्यूटी की उपलब्धता में सुधार आया। शिक्षा में, नई उच्च विद्यालयों की स्थापना और छात्रवृत्ति योजना ने स्कूल ड्रॉप‑आउट दर को 8 % तक घटा दिया। बुनियादी ढाँचे के लिए, दुवरबी और कोल्काता‑सिलिगुड़ी हाईवे जैसी परियोजनाओं ने परिवहन समय को आधा कर दिया, जिससे व्यापार का वॉल्यूम बढ़ा। ये सभी कदम, जैसे कि ममता बनर्जी ने जल संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया, यह दिखाते हैं कि उनका ‘विकास‑पर‑पहले’ सिद्धांत किस तरह नीति‑निर्माण में प्रतिफलित होता है। इस प्रक्रिया में राज्य सरकार ने निजी‑सार्वजनिक साझेदारी (PPP) मॉडल को अपनाया, जिससे बजट की बचत और तकनीकी दक्षता दोनों मिलीं।
वहीं, हाल ही में कुछ विवाद भी सामने आए हैं, जैसे कि भूमि अधिग्रहण के मामले में स्थानीय समुदायों की असंतुष्टि और पर्यावरणीय चिंताएँ। लेकिन इन मुद्दों पर ममता बनर्जी ने सार्वजनिक सुनवाई और वैकल्पिक समाधान प्रस्तुत करके संतुलन बनाने की कोशिश की है। उनका कहना है कि “राज्य की प्रगति के लिए सभी स्टेकहोल्डर का सहयोग जरूरी है” और यही दृष्टिकोण उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर भी मान्यता दिलाता है। इस पेज पर आप विभिन्न लेखों में उनके राजनीतिक कदम, नीति‑निर्माण की बारीकियाँ और सामाजिक प्रभाव की गहरी समझ पाएँगे। अब आगे देखिए, कैसे ये कहानियाँ आपके राज्य के भविष्य को आकार देती हैं और आपके लिए क्या सीख लेकर आती हैं।
तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने पश्चिम बंगाल में हुए उपचुनावों में बड़ी जीत दर्ज की है। पार्टी ने सभी चार विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की है। यह चुनाव 10 जुलाई को हुए थे और मतगणना 13 जुलाई को शुरू हुई थी।