खालिस्तान – क्या है, क्यों बना और अभी कहाँ है?

जब खालिस्तान, एक अलगाववादी दावा है जो पंजाब के कुछ हिस्सों में सिख धर्म के अनुयायियों द्वारा एक स्वतंत्र राष्ट्र बनाने की कोशिश करता है. इसे अक्सर खाली स्टेट कहा जाता है, लेकिन इसका अर्थ सिर्फ भू‑राजनीतिक नहीं, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान से जुड़ा है। इस पृष्ठ पर आप खालिस्तान की जड़ें, प्रमुख घटनाएँ और आज के भारत में उसका असर देखेंगे।

खालिस्तान का विचार सिख धर्म, पंजाब के प्रमुख धार्मिक समुदाय की पहचान से निकला है। 1947 के बाद के विभाजन के समय कई सिख नेताओं ने माना कि एक स्वतंत्र सिख राज्य बेहतर सुरक्षा देगा। यह लक्ष्य 1980‑90 के दशक में पंजाब, भारत के उत्तरी राज्य, जहाँ सिख आबादी बहुमत में है में उभरता रहस्य बन गया। उस दौर में खालिस्तान का समर्थन करने वाले समूहों ने राजनीतिक राह छोड़ कर अल्पसंख्यक अधिकारों की मांग को सशस्त्र संघर्ष में बदल दिया। इस प्रक्रिया में कई बार आतंकवाद के आरोप लगाए गए, और भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौती माना।

मुख्य संबंध और आज की धारा

खालिस्तान और भारत की राजनीति के बीच का संबंध जटिल है। एक ओर, खालिस्तान समर्थकों का कहना है कि उनके धार्मिक अधिकारों की रक्षा नहीं होती, तो वह अलग राज्य की माँग को जायज ठहराते हैं। दूसरी ओर, भारत सरकार इसे राष्ट्रीय अखंडता पर हमला मानती है और कई कानूनी उपायों के माध्यम से आंदोलन को दबाया है। इस द्वंद्व ने कई सामाजिक और कानूनी प्रश्न उठाए हैं, जैसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाम राष्ट्रीय सुरक्षा।

आज के संदर्भ में, खालिस्तान के बारे में बात करते समय तीन प्रमुख इकाइयाँ उभरती हैं: 1) इतिहास – 1970‑80 के दशक के आंदोलन, 2) राजनीति – भारतीय संसद और राज्य सरकारों की नीतियाँ, 3) समाज – सिख समुदाय के भीतर विभाजन और एकता की भावना। इन सभी पहलुओं को समझना जरूरी है, क्योंकि शब्द "खालिस्तान" सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि एक बहु‑आयामी विमर्श है।

नीचे आप विभिन्न लेखों के माध्यम से खालिस्तान के विभिन्न पहलुओं का गहराई से विश्लेषण पाएँगे – चाहे वह इतिहासिक घटनाओं का सारांश हो, या वर्तमान में चालू फैसलों की चर्चा। इस संग्रह में आप देखेंगे कि कैसे एक धार्मिक समुदाय के अधिकारों और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की गई है, और उस प्रक्रिया में कौन‑कौन से प्रमुख खिलाड़ी सामने आए। अब आगे बढ़ते हैं और जानें कि इस जटिल कथा में कौन‑से प्रमुख बिंदु उजागर होते हैं।

राहुल गांधी के सिखों और भारत पर बयान: भाजपा की आलोचना और खालिस्तान समर्थकों का समर्थन
राहुल गांधी के सिखों और भारत पर बयान: भाजपा की आलोचना और खालिस्तान समर्थकों का समर्थन

राहुल गांधी के सिखों और भारत के बारे में अमेरिकी दौरे पर दिए बयान विवाद का कारण बने। बयान की भाजपा, सिख समुदाय ने आलोचना की और खालिस्तानी आतंकवादी ने समर्थन किया। आलोचना में 1984 के दंगों में कांग्रेस की भूमिका भी आई है। कांग्रेस ने इसे धर्म-निरपेक्षता की दिशा में उठाया कदम बताया।

सित॰, 12 2024