जब आप कठुआ के बारे में सोचते हैं, तो सबसे पहले वह सादगी और घर की गर्मी याद आती है। यह लेख कठुआ, एक सादी लेकिन स्वादिष्ट गेहूँ की रोटी जो बिहार और उत्तर प्रदेश के घरों में रोज़मर्रा की थाली का हिस्सा है को समझाने के लिए लिखा गया है। इसे गेहूँ, भूरे रंग का अनाज जिससे आटा बनता है के आटे से हाथ से बेलकर, घी या तेल लगाकर तवा या तंदूर में पकाया जाता है। बिहार, एक भारतीय राज्य जहाँ कठुआ को त्यौहार, रोज़मर्रा के भोजन और स्थानीय संस्कृति में खास जगह मिली है में इसे अक्सर छाछ, दही जैसा ठंडा पेय जो कठुआ के साथ बहुत बढ़िया लगता है या दही के साथ परोसा जाता है। कठिन बना रहता है कि इस रोटी की बनावट मुलायम और हल्की कड़ाही‑सी क्यों होती है—ये सब आटे की गुणवत्ता, बेलने के तरीके और पकाने के तापमान पर निर्भर करता है। घी की थोड़ी बूंदें या हल्का तेल डालने से रोटी में सुगंध आती है और खाने में आनंद दुगना हो जाता है।
यदि आप पहली बार कठुआ बनाना चाहते हैं, तो आपके पास सिर्फ आटा, पानी, नमक और थोड़ा तेल होना चाहिए। सबसे पहले आटे में नमक और थोड़ा तेल मिलाकर मुलायम लड्डू जैसा बना लें, फिर पानी डालकर गोल बेलें। तवा गर्म होने पर हल्का तेल या घी लगाकर दोनों तरफ से सुनहरा होने तक पकाएँ। इस प्रक्रिया में तंदूर विकल्प भी काम आता है—तंदूर में गर्मी से रोटी के अंदर की नमी बना रहती है, जिससे कठुआ और भी नरम हो जाता है। पकाने के बाद इसे गर्म‑गर्म छाछ या दही के साथ सर्व करना सबसे लोकप्रिय तरीका है, लेकिन काही बार लोग इसे अचारी सब्ज़ी, बटार या चटनी के साथ भी परोसते हैं। विशेष अवसरों में, जैसे छठ पूजा या होली, कठुआ को बिना तेल के हल्का मोटा बना कर भी खाया जाता है, ताकि हल्का स्वाद बना रहे।
अब आपको पता चल गया होगा कि कठुआ सिर्फ एक रोटी नहीं, बल्कि बिहार की सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा है। नीचे दी गई लेखों में आप पाएँगे: कठुआ की इतिहासिक झलक, आधुनिक रसोइयों की नई twists, और किस तरह यह रोटी विविध व्यंजनों के साथ जुड़ती है। इन सामग्रियों को पढ़ते‑पढ़ते, आप अपनी रसोई में आसानी से कठुआ बना सकते हैं और उसे अपने पसंदीदा साथियों के साथ अनोखे लहज़े में पेश कर सकते हैं। तैयार हैं? अब आगे की खबरों में डुबकी लगाएँ।
जम्मू के कठुआ जिले में सोमवार दोपहर आंतकवादियों द्वारा सेना के काफिले पर किए गए हमले में चार सेना के जवान शहीद हो गए। यह घटना बदनोटा गांव, लोहे मल्हार क्षेत्र में हुई। आतंकवादियों ने काफिले पर ग्रेनेड फेंका, जिसमें कई सैनिक घायल हो गए। सैनिकों ने जवाबी कार्रवाई की, और तत्काल अतिरिक्त बल को बुलाया गया। यह रविवार सुबह जम्मू डिवीजन में हुई दूसरी आतंकी घटना है।