जब बात कर सुधार, वित्तीय वर्ष के दौरान लागू की जाने वाली नीति बदलावों का समुच्चय है, जो टैक्स संरचना को सरल, पारदर्शी और दक्ष बनाने की दिशा में केंद्रित है. Also known as टैक्स रिफॉर्म, it aims to balance राजस्व वृद्धि और देनदारियों में राहत. यह परिवर्तन सिर्फ धन की बात नहीं, बल्कि आर्थिक विकास के इंजन को तेज़ करने का साधन है। कर सुधार को समझना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सीधे आपके वेतन, निवेश और व्यापारिक रणनीति को छूता है.
कर सुधार के मुख्य घटकों में GST, वस्तु एवं सेवा कर, जो 2017 में लागू हुआ और कई अप्रत्यक्ष करों को एक ही छत्र में लाया शामिल है। GST का पुनर्रचना अक्सर कर सुधार की नींव माना जाता है—जैसे कि नई स्लैब संरचना या इनपुट टक्स क्रेडिट में सुधार। दूसरा महत्वपूर्ण घटक है आयकर, व्यक्तियों और कंपनियों पर प्रत्यक्ष कर, जिसे आय के स्तर के आधार पर अलग-अलग दरों में आकार दिया जाता है। आयकर के धारा परिवर्तन, जैसे वैकल्पिक टैक्स रेज़िडेंस या टैक्स छूट में विस्तार, सीधे आम नागरिक की जेब में असर डालते हैं। तीसरी बड़ी धारा बजट, सालाना वित्तीय योजना जो राजस्व-व्यय प्रक्षेपण और नीति दिशा तय करती है है, जिसमें कर सुधार की प्राथमिकता स्पष्ट रूप से दिखती है। इन तीनों (GST, आयकर और बजट) के बीच स्पष्ट संबंध है: बजट नई टैक्स दरें पेश करता है, GST को समायोजित करता है, और आयकर के स्लैब बदलते हैं, जिससे एक समेकित कर सुधार की तस्वीर बनती है.
कर सुधार का प्रभाव केवल कर दरों तक सीमित नहीं, बल्कि वित्तीय नियोजन, कंपनियों की राजस्व रणनीतियों और निवेश के अवसरों तक फैलता है। उदाहरण के तौर पर, यदि कोई कंपनी नई GST स्लैब के कारण इनपुट टक्स क्रेडिट का लाभ उठाती है, तो उसकी लागत में कमी आती है और वह प्रोडक्ट की कीमत घटा सकती है—जिससे प्रतिस्पर्धा बढ़ती है। इसी तरह, आयकर में बढ़ी टैक्स छूट छोटे निवेशकों को दीर्घकालिक बचत योजनाओं में निवेश करने के लिए प्रेरित करती है, जिससे कुल आर्थिक बचत में इज़ाफ़ा होता है. बजट में घोषित कर रिवेशन अक्सर सेक्टर‑विशेष प्रोत्साहन (जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर या ऊर्जा) के रूप में दिखते हैं, जिससे सम्बंधित उद्योगों में नई परियोजनाएँ और रोजगार सृजन होता है. इन सबको मिलाकर देखें तो कर सुधार एक इकोसिस्टम बनाता है जहाँ नीति, व्यवसाय और व्यक्तिगत वित्त आपस में जुड़ते हैं। नीचे आप कई लेख पाएँगे जो नई कर सुधार नीतियों की व्याख्या, उनका असर विभिन्न राज्यों में और व्यावहारिक टिप्स पर चर्चा करते हैं—जैसे डायवाली बैंक अवकाश, कर्नाटक चुनाव का टैक्स पर प्रभाव, और आईटी कंपनियों के लिए नई टैक्स छूट। इन लेखों को पढ़कर आप अपने कर नियोजन को बेहतर बना सकेंगे और नीति‑परिवर्तन के साथ कदम मिलाकर चल पाएँगे.
यूनियन बजट 2024 में प्रॉपर्टी बिक्री पर लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ (LTCG) पर कराधान में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इसमें इंडेक्सेशन लाभ को हटाना शामिल है, जो प्रॉपर्टी मालिकों को मुद्रास्फीति के लिए अपने खरीद मूल्य को समायोजित करने की अनुमति देता था, और LTCG कर दर को 20% से घटाकर 12.5% किया गया है। इस बदलाव से प्रॉपर्टी ट्रेडिंग अधिक तरल हो सकती है, लेकिन पुराने प्रॉपर्टी मालिकों के लिए कर बोझ में वृद्धि हो सकती है।