यूनियन बजट 2024: प्रॉपर्टी विक्रेताओं और खरीदारों के लिए बड़ा कर सुधार
जुल॰, 23 2024यूनियन बजट 2024: प्रॉपर्टी विक्रेताओं और खरीदारों के लिए बड़ा कर सुधार
यूनियन बजट 2024 में वित्त मंत्री ने प्रॉपर्टी के लंबे समय तक रखने पर मिलने वाले लाभों में बड़ा बदलाव किया है। अब से लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ (LTCG) पर करों का हिसाब बिना इंडेक्सेशन लाभ के किया जाएगा। यह इंडेक्सेशन लाभ वह था, जो प्रॉपर्टी मालिकों को मुद्रास्फीति के हिसाब से उनके खरीद मूल्य को समायोजित करने की अनुमति देता था। इसके परिणामस्वरूप, जब वे अपनी प्रॉपर्टी बेचते थे, तो उन्हें कम कर देना पड़ता था।
हालांकि, अब यह सुविधा हटा दी गई है और LTCG कर दर को भी 20% से घटाकर 12.5% कर दिया गया है। इसका मतलब यह है कि अब से प्रॉपर्टी बेचने पर किसानों को बिक्री मूल्य से सीधा खरीद मूल्य घटाकर पूंजीगत लाभ का मूल्यांकन करना होगा, और इसमें कोई मुद्रास्फीति समायोजन शामिल नहीं होगा।
नए नियमों के प्रभाव
इस बदलाव का एक सीधा उदाहरण लेते हैं। मान लीजिए कि किसी ने 2002-2003 में 25 लाख रुपये में प्रॉपर्टी खरीदी थी और 2023-2024 में उसी प्रॉपर्टी को 1 करोड़ रुपये में बेचा। अब तक, पूंजीगत लाभ का मूल्यांकन मुद्रास्फीति के अनुपात में किया जाता था, जिससे कर बोझ कम होता था। लेकिन अब बिना इंडेक्सेशन लाभ के, यह सीधे 1 करोड़ रुपये से 25 लाख रुपये घटाकर 75 लाख रुपये पर कर का मूल्यांकन करेगा।
इस नए बदलाव के पीछे सरकार की मंशा प्रॉपर्टी बाजार में और अधिक तरलता लाने की है। जैसा कि अमित गोयल, मैनेजिंग डायरेक्टर, इंडिया सोथबी'ज इंटरनेशनल रियल्टी ने कहा है, यह कदम लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ पर कराधान में समानता लाएगा और प्रॉपर्टी ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देगा।
विरोध और चिंताएँ
दूसरी ओर, कई विशेषज्ञों ने इस नए बदलाव पर चिंता व्यक्त की है। धारुव अग्रवाल, ग्रुप सीईओ हाउसिंग.कॉम और प्रोपटाइगर.कॉम, का मानना है कि इंडेक्सेशन लाभ के हटने से पुरानी प्रॉपर्टी मालिकों के ऊपर असर अधिक होगा, खासकर वे जिन्होंने अपनी प्रॉपर्टी पांच साल से अधिक समय तक रखी है। पालका अरोड़ा चोपड़ा, डायरेक्टर, मास्टर कैपिटल सर्विसेस लिमिटेड, ने भी कहा कि इंडेक्सेशन लाभ के बिना, कर बोझ पहले की तुलना में अधिक होगा।
मुद्रास्फीति और बाजार पर प्रभाव
मुद्रास्फीति का प्रभाव प्रॉपर्टी बाजार पर हमेशा से एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है। मुद्रास्फीति के कारण प्रॉपर्टी के मूल्य में वृद्धि होती है, जिससे किसानों को अपने निवेश के बदले अधिक मूल्य मिलता है। इंडेक्सेशन लाभ इसका मानवीकरण करता था और वास्तविक आर्थिक लाभ प्रदान करता था।
अब बिना इस लाभ के, प्रॉपर्टी मालिकों को अधिक कर देना पड़ सकता है, जिससे प्रॉपर्टी बाजार में निवेश करने वालों के बीच अनिश्चितता बढ़ सकती है। यह भी संभव है कि इस नए नियम के कारण कुछ प्रॉपर्टी मालिक अपने निवेश को पुनर्विचार करें और प्रॉपर्टी बाजार से निकलने की कोशिश करें।
आर्थिक सुधार के पक्ष और विपक्ष
यूनियन बजट 2024 में पेश किए गए ये बदलाव आर्थिक सुधार के एक हिस्से के रूप में देखे जा सकते हैं। सरकार का उद्देश्य प्रॉपर्टी बाजार को अधिक पारदर्शी बनाना और निवेशकों के लिए इसे और आकर्षक बनाना है। हालांकि, इसकी कुछ सीमाएँ भी हैं।
एक तरफ, यह कदम अधिक समान कराधान प्रणाली की दिशा में एक कदम है, जहां विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों पर समान दर से कर लगाया जाता है। लेकिन वहीं दूसरी ओर, यह पुराने नीतियों से अलग है, जिससे लंबी अवधि के निवेशकों को अधिक कर बोझ का सामना करना पड़ सकता है।
उत्तर प्रदेश के बिल्डरों के संघ के अध्यक्ष ने इस बात पर जोर दिया कि नए नियम के कारण प्रॉपर्टी की कीमतों में अस्थिरता आ सकती है। उन्होंने कहा कि इस बदलाव का पूरा प्रभाव कुछ महीनों बाद ही स्पष्ट होगा जब लोग नए नियमों के तहत अपने करों को फाइल करेंगे।
नया कराधान और निवेशकों का रूख
कुल मिलाकर, यूनियन बजट 2024 में प्रस्तुत किए गए ये कर सुधार प्रॉपर्टी बाजार में नई दिशा और नई दृष्टि प्रस्तुत करते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि निवेशक और प्रॉपर्टी मालिक कैसे प्रतिक्रिया देंगे और क्या वे नए नीतियों के तहत प्रॉपर्टी बाजार में विश्वास बनाए रखेंगे या नहीं।
सवाल यह है कि क्या इस नए नियम के कारण प्रॉपर्टी बाजार में सकारात्मक बदलाव आएंगे या फिर यह पुराने निवेशकों के लिए एक बड़ा झटका साबित होगा? इस सवाल का जवाब आने वाले समय में मिलेगा, जब लोग इन नए नीतियों के अनुसार अपना वित्तीय निर्णय लेंगे।
अभी के लिए, लोगों को सलाह दी जाती है कि वे अपने वित्तीय सलाहकारों से परामर्श करें और नए नियमों का पालन करते हुए अपनी प्रॉपर्टी निवेश योजनाओं को पुनः विचार करें।