हिज़्बुल्लाह – क्या है, कैसे काम करता है और इस पर नवीनतम ख़बरें

When working with हिज़्बुल्लाह, लेबनान में सक्रिय एक मिलिशिया‑राजनीतिक समूह. Also known as इज़राइल‑विरोधी शिया गठबंधन, it has shaped regional security dynamics for decades.

लेबनान, जो मध्य‑पूर्व का एक जटिल सामाजिक‑राजनैतिक लैंडस्केप रखता है, लेबनान, एक बहु‑धार्मिक देशों में से एक, जहाँ विभिन्न समूह अपनी ताकत रखने की कोशिश करते हैं, के अंदर हिज़्बुल्लाह की सत्ता को समझना जरूरी है। इस समूह की उत्पत्ति 1980 के दशक में इज़राइल के खिलाफ प्रतिरोध के रूप में हुई, लेकिन अब यह केवल सैन्य शक्ति नहीं, बल्कि चुनावी भागीदारी, सामाजिक सेवाएँ और विदेशी नीति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इज़राइल, जो मध्य‑पूर्व की सुरक्षा‑रक्षा रणनीति का मुख्य खिलाड़ी है, इज़राइल, एक ऐसा देश जो अपने राष्ट्रीय अस्तित्व को लेकर बहुत सतर्क रहता है, के साथ हिज़्बुल्लाह के संबंध अक्सर तनाव के रूप में सामने आते हैं। इज़राइल के लिए हिज़्बुल्लाह का रॉकेट और मिसाइल तंत्र एक सीधा खतरा है, जबकि हिज़्बुल्लाह के लिए इज़राइल की सैन्य प्रतिक्रिया ही उनकी वैधता को सिद्ध करने का तरीका है। यह द्विपक्षीय तनाव दोनों देशों की नीतियों को प्रभावित करता है, जिसमें यूएसए की भूमिका भी अहम हो जाती है।

संयुक्त राज्य अमेरिका, जो इज़राइल का प्रमुख सहयोगी है, संयुक्त राज्य अमेरिका, मध्य‑पूर्व में कई सैन्य और कूटनीतिक हस्तक्षेपों का नेतृत्व करता है, भी हिज़्बुल्लाह की गतिविधियों पर बहुत नज़र रखता है। अमेरिकी समर्थन से इज़राइल को उन्नत रडार और डिफेंस सिस्टम मिलते हैं, जो हिज़्बुल्लाह की क्षमताओं को सीमित करने में मदद करते हैं। यही कारण है कि हिज़्बुल्लाह अक्सर अपने रॉकेट बस्तियों को नागरिक आबादी के करीब रखता है, ताकि किसी भी इज़राइल‑अमेरिकी कार्रवाई पर अंतरराष्ट्रीय आलोचना को टाला जा सके।

हिज़्बुल्लाह के मुख्य पहलू और इनके आपसी कनेक्शन

हिज़्बुल्लाह की ताकत सैन्य और राजनीतिक दोनों मोर्चों पर है। मिलिशिया के रूप में यह तम्बूले (भारी रॉकेट) और छोटे-छोटे गति वाले हथियारों दोनों का इस्तेमाल करता है, जिससे इज़राइल की सीमाओं तक पहुंच बनती है। वहीं, राजनीतिक तौर पर, यह लेबनान के संसद में सीटें जीत रहा है और मिश्रित गठबंधन बनाकर सरकार में हिस्सेदारी ले रहा है। यह दो‑तरफा रणनीति — सैन्य प्रतिरोध और राजनीतिक सहभागिता — हिज़्बुल्लाह को क्षेत्र में अनूठा बनाती है।

लेबनान की आर्थिक स्थिति भी हिज़्बुल्लाह की लोकप्रियता को प्रभावित करती है। जब देश में बेरोज़गारी और ऊर्जा संकट बढ़ता है, तो हिज़्बुल्लाह द्वारा चलाए जाने वाले सामाजिक कार्यक्रम, जैसे मुफ्त स्वास्थ्य क्लिनिक और स्कूल, स्थानीय जनसंख्याओं को आकर्षित करते हैं। इस तरह के सामाजिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के बिना, कई लोग सरकारी संस्थाओं पर भरोसा कम करने लगते हैं और हिज़्बुल्लाह को एक वैकल्पिक शक्ति के रूप में देखते हैं।

इज़राइल की सुरक्षा नीति में हिज़्बुल्लाह को अक्सर एक "रॉकेट खेल" के रूप में दर्शाया जाता है। इज़राइल के लिए यह जरूरत बनती है कि वह अपने नागरिकों को सुरक्षित रखे, इसलिए उसने एयर काउंसिल और अस्ट्रिक्टेड एरिया में कई बार हवाई बॉम्बिंग की है। इस प्रतिरोध ने हिज़्बुल्लाह को दक्षिणी लेबनान में गहराई तक रुके रहने और टैंक-रोड से बचने के लिए टनल नेटवर्क बनाने के लिए मजबूर किया। इस प्रकार दोनों पक्षों की रणनीति एक-भारी‑एक‑हल्की चक्र में बदल गई।

अभी के वर्षों में, हिज़्बुल्लाह ने अपने गठबंधन को विस्तार कर सायरिया और ईरान के साथ मिलकर एक रणनीतिक त्रिकोण बना लिया है। ईरान से मिलती हुई वित्तीय सहायता और सायरिया में सैन्य सहयोग ने हिज़्बुल्लाह को आधुनिक हथियारों और प्रौद्योगिकी तक पहुंच दी है। इस त्रिकोणीय सहयोग ने इज़राइल और अमेरिकी हितों को और भी जटिल बना दिया है, क्योंकि अब एक ही समूह को कई आयामों में रोकना मुश्किल हो रहा है।

इन सभी कनेक्शन को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि हिज़्बुल्लाह सिर्फ लेबनान की एक स्थानीय मिलिशिया नहीं, बल्कि एक विस्तृत राजनीतिक‑सुरक्षा नेटवर्क का हिस्सा है। पढ़ने वालों को इस जटिल परस्पर क्रिया को समझना आवश्यक है, ताकि वे नवीनतम ख़बरों को सही संदर्भ में देख सकें। नीचे आपको इस टैग से जुड़े लेख मिलेंगे—उदाहरण के तौर पर इज़राइल‑हिज़्बुल्लाह संघर्ष, लेबनानी राजनीति में हिज़्बुल्लाह की भूमिका, और क्षेत्रीय सुरक्षा पर इसके प्रभाव—जो इस जटिल परिदृश्य को और अधिक स्पष्ट करेंगे.

इज़राइल ने लेबनान में हिज़्बुल्लाह ठिकानों पर हवाई हमले, एक लड़ाके की मौत
इज़राइल ने लेबनान में हिज़्बुल्लाह ठिकानों पर हवाई हमले, एक लड़ाके की मौत

इज़राइल ने दक्षिण लेबनान में हिज़्बुल्लाह के ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिसमें एक हिज़्बुल्लाह लड़ाके की मौत हो गई। ये हमले गनीमत ग्रीन लाइन सात अलग-अलग क्षेत्रों में किए गए। हिज़्बुल्लाह ने इस रॉकेट हमले से अपना कोई संबंध नहीं बताया, लेकिन इज़राइल का दावा है कि हमला ईरानी निर्मित फलक रॉकेट से किया गया था।

जुल॰, 31 2024