जब हम डिप्टी मुख्यमंत्री, राज्य सरकार में मुख्य मंत्री के साथ कार्य करने वाला दूसरा प्रमुख अधिकारी, Also known as उपमुख्य मंत्री की बात करते हैं, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि यह पद केवल एक औपचारिक नाम नहीं, बल्कि सत्ता संतुलन का एक साधन है। राज्य के मुख्यमंत्री, राज्य कार्यकारी शक्ति का प्रमुख और व्यापक राज्य सरकार, विभागों, नीति निर्माण और प्रशासनिक ढाँचे का समुच्चय के बीच तालमेल बनाने में डिप्टी मुख्यमंत्री महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
डिप्टी मुख्यमंत्री की मुख्य जिम्मेदारी मुख्य मंत्री को नीति कार्यान्वयन में मदद करना है, साथ ही अक्सर एक विशेष मंत्रालय या विकास योजना का पोर्टफोलियो संभालते हैं। यह सहयोगी मॉडल तब काम आता है जब बहुमत वाली पार्टी को गठबंधनों की जरूरत होती है; तब डिप्टी मुख्यमंत्री अक्सर गठबंधन शिविर के प्रतिनिधि होते हैं। इस तरह "संतुलन बनाना" की प्रक्रिया एक स्पष्ट सेमैन्टिक त्रिपुटी बनती है: डिप्टी मुख्यमंत्री ↔ राज्य सरकार (सहयोग) ↔ राजनीतिक दल (संतुलन)।
पद की नियुक्ति राज्य के राज्य सभा, राज्य विधान में दो सदनों में से एक, जहाँ प्रमुख निर्णय होते हैं या सीधे मुख्यमंत्री की पसंद से होती है, लेकिन अक्सर यह निर्णय राजनीतिक दल, समर्थन, गठबंधन और दल की रणनीति तय करने वाला समूह की आंतरिक सगाई पर निर्भर करता है। इसलिए, डिप्टी मुख्यमंत्री का चयन केवल योग्यता पर नहीं, बल्कि व्यावहारिक राजनीति पर भी आधारित होता है।
हाल के समाचारों में हमने देखा कि डिप्टी मुख्यमंत्री का पद कई बार विपक्षी या छोटे दलों को संतुष्ट करने के लिए इस्तेमाल किया गया है। उदाहरण के तौर पर, डीके शिवकुमार ने 2023 में अपनी संभावनाओं को स्पष्ट किया और कहा कि वह CM पद का दावा नहीं करेंगे, बल्कि डिप्टी मुख्यमंत्री की संभावित भूमिका पर ध्यान देंगे। ऐसे बयान दर्शाते हैं कि इस पद का उपयोग सत्ता संतुलन और पार्टी रणनीति दोनों में किया जाता है। इसी तरह, कई राज्यों में डिप्टी मुख्यमंत्री ने शिक्षा, स्वास्थ्य या ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों में विशेष जिम्मेदारियाँ ली हैं, जिससे उनका प्रभाव सीधे आम जनता तक पहुँचता है।
डिप्टी मुख्यमंत्री के कार्यक्षेत्र में अक्सर विशिष्ट बुनियादी ढाँचा परियोजनाएँ, औद्योगिक नीतियाँ और सामाजिक कल्याण योजनाओं की देखरेख शामिल होती है। जब वे किसी विभाग को संभालते हैं, तो नीतियों के निर्माण‑कार्यान्वयन में तेज़ी आती है और जवाबदेही स्पष्ट होती है। इस कारण से कई राज्य सरकारें अपने विकास एजेंडे को तेज़ी से आगे बढ़ाने के लिए इस पद को रणनीतिक रूप से अपनाती हैं।
अब आप नीचे की सूची में विभिन्न लेखों को देख सकते हैं जहाँ डिप्टी मुख्यमंत्री की नियुक्ति, उनके द्वारा उठाए गए कदम, और राज्य‑स्तर की प्रमुख खबरें विस्तार से प्रस्तुत हैं। इन रिपोर्टों से आपको समझ आएगा कि यह पद राजनीति, प्रशासन और जनता के लिए कैसे अहम है।
हरष संगवी ने गुजरात में डिप्टी मुख्यमंत्री की शपथ ली, 19 नए मंत्री शामिल हुए, और भाजपा ने 2027 चुनावों की तैयारी में मंत्रिपरिवार को विस्तारित किया।