चैत्र नववर्ष

जब बात चैत्र नववर्ष, हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र महीने की पहली तिथि को मनाया जाने वाला नया साल है की आती है, तो कई लोग तुरंत ही हिन्दू कैलेंडर, एक लुप्तप्राय समय-संजाल है जो चंद्र-भाद्रसंख्या को गिनता है और विभिन्न तिथियों को निर्धारित करता है को याद करते हैं। यह नया साल सिर्फ कैलेंडर का बदलाव नहीं, बल्कि परम्परागत रूप से तीज‑तथा पूजा‑पाठ का समय भी है। इसी कारण नेवारी वर्ष, नेपाल में चैत्र महीने में शुरू होने वाला नववर्ष है, जो नेपाली कैलेंडर के साथ संरेखित होता है भी अक्सर इस अवधि से जुड़ा रहता है। कई ग्रामीण इलाकों में छठ पूजा, सूर्य देवता को अर्पित एक प्रमुख सूर्य पर्व है, जो अक्सर चैत्र के अंत या अगली महीने में मनाया जाता है के साथ समयसिंधु बन जाता है। सरल शब्दों में, चैत्र नववर्ष हिन्दू कैलेंडर पर आधारित है, यह नेवारी वर्ष से मिलती‑जुलती है और छठ पूजा जैसे महत्वपूर्ण समारोहों के साथ सांस्कृतिक तालमेल दर्शाती है।

चैत्र नववर्ष के प्रमुख पहलू

चैत्र नववर्ष का मुख्य उद्देश्य समाज में नई आशा और ऊर्जा का संचार करना है। इस दिन लोग अक्सर घर की सफाई, नई वस्त्र धारण और शुभ कार्यों में लगा देते हैं। धार्मिक त्रिकोण के अनुसार, इस अवसर पर तीज और पूजा विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानते हैं, क्योंकि यह मानस को शुद्ध करने और सकारात्मक शक्ति को बुलाने का कार्य करता है। साथ ही, हिंदू कैलेंडर, वे समय-सारणी है जो चंद्रमा से जुड़े तिथियों की गणना करती है और विभिन्न त्यौहारों को निर्धारित करती है में चैत्र महीने को वसंत का प्रारम्भ माना जाता है, इसलिए इस नववर्ष की धूमधाम में फूलों की सजावट और प्राकृतिक सौंदर्य का विशेष स्थान है। नेपा (नेपाल) में नेवारी वर्ष, एक ऐसा कैलेंडर है जो चैत्र नववर्ष की तिथि को अपनाता है, जिससे भारत‑नेपाल के सांस्कृतिक बंधन मजबूत होते हैं के कारण दो देशों में समान रीति‑रिवाज़ देखे जाते हैं। इसके अलावा, कई क्षेत्रों में इस समय छठ पूजा, सूर्य एवं चंद्रमा को अर्पित एक प्रमुख संस्कृति है, जो अक्सर चैत्र के बाद के महीने में आयोजित होती है के साथ जुड़कर सूर्य के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर मिलता है। इस प्रकार, चैत्र नववर्ष न सिर्फ एक कैलेंडर तिथि, बल्कि सामाजिक, धार्मिक और पर्यावासीय संकेतकों का संगम है, जो लोगों को परस्पर सहयोग, शांति और समृद्धि के मार्ग पर ले जाता है।

इन बहु‑परिकल्पनाओं को समझते हुए, आप नीचे दी गई ख़बरों और विश्लेषणों में देखेंगे कि कैसे विभिन्न क्षेत्रों में चैत्र नववर्ष से जुड़ी राजनैतिक, आर्थिक और खेल समाचार उभरे हैं। हमारी सूची में गुजरात में नई रियूसेप, ओला इलेक्ट्रिक की नई योजना, आईपीओ अपडेट, क्रिकेट मैच और कई अन्य प्रमुख घटनाएँ शामिल हैं—सब आपके लिए इस मौसमी बदलाव के साथ जुड़े अद्यतन जानकारी प्रदान करती हैं। इसलिए नीचे स्क्रॉल करें और जानें कि इस नववर्ष में आपके जीवन, व्यापार और मनोरंजन पर क्या‑क्या असर पड़ रहा है।

चैत्र नववर्ष 2025 की सातवी: देवी कालरात्रि की पूजा विधि, कथा और लाभ
चैत्र नववर्ष 2025 की सातवी: देवी कालरात्रि की पूजा विधि, कथा और लाभ

चैत्र नववर्ष 2025 की सातवी (4 अप्रैल) को देवी कालरात्रि की विशेष पूजा की जाती है। इस दिन हरा वस्त्र, गुड़ के भोग और विशेष पुष्प अर्पित किए जाते हैं। कवि‑कथाओं में कालरात्रि ने शुम्भ‑निशुम्भ जैसे दानवों को समाप्त किया। मंत्रजप और सही मुहूर्त से डर, नकारात्मक ऊर्जा और बाधाओं से मुक्ति मिलती है।

सित॰, 27 2025