जम्मू-कश्मीर और मैदानी इलाकों में भीषण लू: 14 जून तक राहत नहीं, मॉनसून की रफ्तार धीमी

उत्तर भारत में भीषण गर्मी, अब तक राहत नहीं
जून का महीना अपनी पूरी तपिश पर है और उत्तर भारत के लोग गर्म हवाओं से बेहाल हैं। लू का डरावना मंजर जम्मू-कश्मीर तक पहुंच चुका है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 14 जून तक राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब और पूर्वी उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में तापमान 43 से 46 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहेगा। यह वही स्तर है जहां किसी भी आम आदमी को दोपहर में घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाए।
गर्मी की मार रात को भी पीछा नहीं छोड़ रही। पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी राजस्थान, पश्चिमी मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में रातें भी तपती रहेंगी। घरों की छतें गर्म तो हों ही, रात में बिजली कटौती होने पर लोगों का हाल बेहाल है। अचानक उमस बढ़ने से पंखों और कूलरों से भी राहत नहीं मिल रही।

मॉनसून की सुस्ती, उम्मीदें भी ठहरीं
हर साल जून की शुरुआत होते ही लोग आसमान में बादलों की टकटकी लगाए रहते हैं। लेकिन इस साल मॉनसून की चाल ही सुस्त है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक मॉनसून की उत्तरी सीमा 29 मई से रुकी हुई है। फिलहाल वह मुंबई, आदिलाबाद, भवानीपटना, पुरी और सैंडहेड द्वीप तक ही पहुंच पाया है। यह सीमा आगे नहीं बढ़ने से महाराष्ट्र, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और विदर्भ के लोग भी तपन झेल रहे हैं।
मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि अगले 48 घंटों में छत्तीसगढ़, ओडिशा और विदर्भ के कुछ भागों तक मॉनसून आगे बढ़ सकता है। फिर भी उत्तर भारत को 27 जून से पहले बारिश की कोई उम्मीद नहीं दिख रही। दिल्ली में मॉनसून का सामान्य आगमन 27 जून रहता है, वहीं उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में 30 जून तक मॉनसून सतह पर आ जाता है। उत्तर पश्चिम भारत में आमतौर पर मॉनसून जुलाई के दूसरे हफ्ते तक पहुंचता है।
गौरतलब है कि मैदानी इलाकों में जब तापमान 40 डिग्री सेल्सियस पार कर जाता है या सामान्य से 4.5 डिग्री ज्यादा हो जाता है, तो उसे लू कहा जाता है। अगर यही फर्क 6.4 डिग्री से ज्यादा हो, तो हालात बेहद खतरनाक हो जाते हैं जिसे 'सीवियर हीटवेव' माना जाता है। इन दिनों राजस्थान और पश्चिमी मध्य प्रदेश के कई शहर ऐसे स्तर को पार कर चुके हैं।
- दिन में छांव भी राहत नहीं दे रही;
- नदियों और तालाबों का पानी सूखने लगा है;
- बिजली की मांग चरम पर;
- छोटे बच्चों, बुजुर्गों और जानवरों की तबीयत बिगड़ रही।
गर्मी का यह दौर कब थमेगा? ये सवाल हर किसी की जुबान पर है, लेकिन उत्तर भारत के लोगों को फिलहाल 14 जून तक इंतजार करना पड़ेगा। तब तक सावधानी ही सबसे बड़ी सहारा है—पानी अधिक पिएं, धूप से बचें और अगर संभव हो तो दोपहर में घर से बाहर न निकलें।