इस्राइल ने बेरूत पर बमबारी तेज की, उत्तरी गाजा में घुसपैठ के माध्यम से युद्ध की नई लहर
अक्तू॰, 7 2024इस्राइल का बेरूत पर प्रचंड हमला और उत्तरी गाजा में घुसपैठ
इस्राइल और उसके पड़ोसी देशों के बीच तनाव उठता ही जा रहा है। हाल ही में इस्राइल ने बेरूत पर बमबारी को तेज कर दिया है, जिसका मुख्य उद्देश्य हिजबुल्लाह के ठिकानों को निशाना बनाना बताया जा रहा है। इस्राइली सेना के अनुसार, सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माने जाने वाले बिंदुओं पर हमला किया गया, जिसमें बेरूत के निकट बन रहे हिजबुल्लाह के ठिकाने शामिल थे। उल्लेखनीय है कि बेरूत में एक इमारत पर हमला किया गया जो पहले हिजबुल्लाह के स्वामित्व वाले अल-मानार प्रसारणकर्ता द्वारा उपयोग की जाती थी।
गाजा में संघर्ष की नई लहर
उत्तरी गाजा में इस्राइली सेनाएं घुसपैठ का सहारा ले रही हैं, जिसकी वजह से स्थिति और गंभीर होती जा रही है। इस्राइल के हवाई हमले ने गाजा में एक मस्जिद को निशाना बनाया, जिसमें कम से कम 19 लोगों की जान गई। इसी प्रकार का एक अन्य हमला एक स्कूल पर किया गया, जहां विस्थापित लोगों को आश्रय दिया गया था। इन हमलों में मारे गए चार व्यक्तियों को दावा किया गया है कि ये सभी युद्ध में सहयोगी थे, हालांकि इस्राइली सैनिकों ने इन दावों के समर्थन में कोई संदर्भ प्रदान नहीं किया है।
हमास और हिजबुल्लाह के साथ तनाव का उबाल
हमास और इस्राइल के बीच संघर्ष का यह हालिया उबाल हिजबुल्लाह के साथ भी जुड़ गया है। जब से हमास ने सीमा पार कर हमले की शुरुआत की, तब से इस्राइल और हिजबुल्लाह के बीच लेबनान सीमा पर लगभग रोजाना आग का लेन-देन हो रहा है। हाल ही में हुए हमलों में और बढ़ोतरी के चलते लेबनान में भी तनाव का माहौल बन गया है। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, वहाँ के लगभग 2,000 लोगों की जान जा चुकी है।
मध्यस्थता की जरूरत
इस संघर्ष के बीच स्थिति बहुत ही खतरनाक बनी हुई है। दोनों देशों के बीच गतिरोध को दूर करने के लिए कूटनीति की आवश्यकता महसूस की जा रही है। अगर इस्राइल और हिजबुल्लाह के बीच तनाव कम नहीं होता है तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है, जिससे न केवल इन देशों का बल्कि पूरे क्षेत्र की शांति और स्थिरता पर भी भारी असर पड़ सकता है।
फिलहाल, इन हालातों में देखने की जरूरत है कि क्या कोई कूटनीतिक प्रयास आरंभ होगा जो इस तनाव को कम कर सके और संबंधित पक्षों को वार्ता के लिए राजी कर सके। क्षेत्रीय प्रभाव वाले देशों का भी इसमें महत्वपूर्ण किरदार हो सकता है, क्योंकि उनका प्रभाव और कूटनीतिक सामर्थ्य दोनों ही इस संकट के समाधान में सहायक हो सकते हैं।
इस्राइल का यह कदम हिजबुल्लाह को सीमा से पीछे धकेलने के व्यापक अभियान का हिस्सा है, जिसे वह अपनी सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण मानता है। लेकिन इसी के साथ यह मानवता के लिए एक चेतावनी भी है कि युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं होता और इसके कारण निर्दोषों की जान जाने का खतरा होता है।