जून 2025 का मौसम समाचार – लू, मॉनसून और तापमान की पूरी जानकारी

जून 2025 का मौसम समाचार भारत में इस महीने के जलवायु बदलाव को समझाने वाला एक केंद्रित स्रोत है। जब हम जून 2025 का मौसम समाचार, जून में दर्ज तेज़ लू, मॉनसून की धीमी प्रगति और तापमान की रेंज की बात करते हैं, तो तुरंत दो मुख्य घटक सामने आते हैं: लू, उच्च तापमान और शुष्क हवाओं से बनने वाली धूल‑धुंध और मॉनसून, लगातार वर्षा लाने वाली मौसमी हवा। इस महीने की रिपोर्ट में जम्मू‑कश्मीर, भारत का उत्तरीmost क्षेत्र, जहाँ लू का असर बढ़ा हुआ है भी प्रमुख है। इन तीनों के बीच सीधा संबंध है: लू की तीव्रता मॉनसून की धीमी गति से बढ़ती है, और जम्मू‑कश्मीर में तापमान 43‑46°C तक पहुँचता है।

मुख्य पहलू

जून में दर्ज अधिकतम तापमान 46°C तक पहुँच गया, विशेषकर राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में। इस उच्च तापमान ने न सिर्फ शहरी क्षेत्रों में बिजली की खपत बढ़ाई, बल्कि छोटे किसानों की फसलों को भी खतरा मंडाया। लू के कारण धूल‑धुंध ने सड़कों को गंदा किया, जिससे ट्रैफिक जाम और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ बढ़ीं। मॉनसून की धीमी प्रगति के कारण बरसात की संभावना केवल पाँच से सात प्रतिशत रह गई, इसलिए वर्षा‑निर्भर क्षेत्रों में जलभंडार भरने की आशा घट गई।

जम्मू‑कश्मीर में लू का असर विशेष रूप से वैली क्षेत्रों में महसूस किया गया। शहरी इलाकों में एसी चलाने की मांग में अचानक उछाल आया, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में जल स्रोतों के पास धूल‑धुंध जमा हो गई। इस स्थिति ने स्थानीय प्रशासन को अस्थायी राहत शिविर स्थापित करने और स्वास्थ्य कर्मियों को गर्मी से बचाव के उपाय बताने के लिए प्रेरित किया। वहीँ, उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में तापमान के साथ ही हवा में नमकीनता कम हो गई, जिससे लोगों को प्यास और निर्जलीकरण का खतरा बढ़ा।

इन सभी घटनाओं ने रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर गहरा असर डाला। स्कूल और ऑफिसों ने सुबह के समय के बजाय देर से शुरू करने की योजना बनाई, क्योंकि सुबह का ठंडा समय अब भी थोड़ा राहत देता है। बाजारों में फल‑सब्जियों की कीमतें बढ़ गईं, क्योंकि फसलों को नहीं सूका जा सका और ट्रांसपोर्ट भी कठिन हो गया। स्वास्थ्य विभाग ने विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को अतिरिक्त पानी पीने और हल्के कपड़े पहनने की सलाह दी।

सरकार ने कई उपायों की घोषणा की है: जल आपूर्ति को सुदृढ़ करने के लिए अतिरिक्त पाइपलाइन स्थापित करना, शहरी क्षेत्रों में पब्लिक एरियल कूलिंग सेंटर लगाना, और किसानों को सूखा‑रोधी बीज प्रदान करना। साथ ही, मौसम विभाग ने अगले दो हफ्तों में संभावित तेज़ हवाओं और धूल‑धुंध के अलर्ट जारी करने का वचन दिया है, ताकि लोग समय पर तैयार हो सकें। इन कदमों से लू और धीमी मॉनसून की चपेट में आने वाले लोगों को कुछ हद तक राहत मिलने की उम्मीद है।

नीचे आप इस जून 2025 के मौसम से जुड़ी विस्तृत रिपोर्ट, क्षेत्रवार तापमान डेटा और विशेषज्ञों की राय पाएँगे। इन लेखों में लू के कारणों, मॉनसून की कमी के प्रभाव और आप कैसे अपनी दैनिक दिनचर्या को सुरक्षित रख सकते हैं, इस पर उपयोगी टिप्स मौजूद हैं। आगे बढ़ते हुए, इस संग्रह में मौजूद जानकारी आपके लिये एक व्यावहारिक मार्गदर्शन बन सकती है।

जम्मू-कश्मीर और मैदानी इलाकों में भीषण लू: 14 जून तक राहत नहीं, मॉनसून की रफ्तार धीमी
जम्मू-कश्मीर और मैदानी इलाकों में भीषण लू: 14 जून तक राहत नहीं, मॉनसून की रफ्तार धीमी

जम्मू-कश्मीर और उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में लू का प्रकोप जारी है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में तापमान 43 से 46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। मॉनसून की उत्तरी सीमा कई दिन से जस की तस है, जिससे आम जनजीवन बेहाल है।

जून, 18 2025