जब कोई ट्रेन हादसा, रेलवे के बर्बर नियमों, पुराने इंफ्रास्ट्रक्चर या मानवीय गलतियों के कारण घटित होने वाली दुर्घटना है. इसे रेल दुर्घटना भी कहते हैं, जो देश में हर साल हजारों लोगों की जिंदगी बदल देती है। ये सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि एक लगातार दोहराई जा रही आपात स्थिति है।
भारतीय रेलवे दुनिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है, लेकिन इसकी सुरक्षा व्यवस्था उतनी ही पुरानी है। रेलवे सुधार, ट्रेन हादसों को रोकने के लिए जरूरी बदलाव हैं, जैसे ऑटोमेटेड ब्रेकिंग सिस्टम, ट्रैक अपग्रेड और कर्मचारियों की ट्रेनिंग. इनमें से कोई भी बदलाव अभी तक अधूरा है। आखिरी बड़े हादसे—जैसे 2023 का ओडिशा ट्रेन दुर्घटना—में एक गलत सिग्नल, एक टूटा ट्रैक और एक अनदेखा अलर्ट ने एक साथ काम किया। ये तीनों अलग-अलग चीजें नहीं, बल्कि एक ही समस्या के अलग-अलग हिस्से हैं: भारतीय रेलवे, जो आधुनिकीकरण के बजाय बचत करने की नीति पर चल रहा है.
क्या आपने कभी सोचा है कि एक ट्रेन जो 100 किमी/घंटा से चल रही है, उसे रोकने में कितना समय लगता है? जवाब है—कम से कम 1.5 किमी। अगर ट्रैक पर कोई गड़बड़ी है या कोई सिग्नल गलत है, तो रोकना नामुमकिन हो जाता है। और फिर भी, हम अभी भी अपनी ट्रेनों को पुराने ब्रेक सिस्टम से चला रहे हैं। क्या ये बर्बरता नहीं है? आज भी लाखों यात्री उन ट्रेनों में सफर करते हैं जिनके ब्रेक तो चल रहे हैं, लेकिन उनका डेटा किसी को नहीं मिलता।
क्या आप जानते हैं कि ट्रेन हादसों के 70% कारण इंसानी गलती या नजरअंदाज की वजह से होते हैं? ट्रैक मैनेजर का एक गलत फैसला, एक चौकीदार का थकान, एक ट्रेन ड्राइवर का फोन देखना—ये सब छोटी बातें लगती हैं, लेकिन एक साथ आकर बड़ी आपदा बन जाती हैं। रेलवे ने लाखों रुपये स्पेयर पार्ट्स पर खर्च किए हैं, लेकिन इंसानी ताकत पर कोई निवेश नहीं हुआ।
यहाँ आपको ऐसे हादसों की विस्तृत जानकारी मिलेगी—जिनमें लाखों जानें गईं, जिनकी खबरें एक दिन के लिए चलीं और फिर भूल दी गईं। आपको ये भी पता चलेगा कि किन ट्रेनों के लिए ब्रेक सिस्टम अभी तक अपग्रेड नहीं हुए, कौन से रेलवे स्टेशन अभी भी मैनुअल सिग्नलिंग पर काम कर रहे हैं, और किन राज्यों में ये हादसे सबसे ज्यादा होते हैं।
इस पेज पर आपको उन खबरों का संग्रह मिलेगा जो बताती हैं कि क्यों ये हादसे दोहराए जा रहे हैं, और क्या कोई वास्तविक बदलाव आ रहा है। ये सिर्फ खबरें नहीं, ये एक आवाज़ है—जो आपके लिए भी बोल रही है।
तमिलनाडु में शुक्रवार रात एक भयावह रेल हादसे की खबर सामने आई है। बागमती एक्सप्रेस, जो मैसूर से बिहार के दरभंगा के लिए जा रही थी, कावरापेटाई रेलवे स्टेशन पर एक स्थिर मालगाड़ी से टकरा गई। इस टक्कर के कारण एक्सप्रेस ट्रेन के कम से कम दो डिब्बे पटरी से उतर गए और कुछ डिब्बों में आग लग गई। इस हादसे में कई यात्रियों के घायल होने का अंदेशा जताया जा रहा है।