जब हम स्तन कैंसर के उपचार, ब्रेस्ट कैंसर को रोकने या हटाने के लिए इस्तेमाल होने वाले सर्जरी, कीमोथेरेपी, हार्मोन थेरेपी, रेडिएशन और लक्ष्यित दवाओं का समुच्चय. Also known as ब्रेस्ट कैंसर ट्रीटमेंट, it combines कई वैज्ञानिक और क्लिनिकल कदमों को एक साथ लाता है।
जब हम सर्जरी, ट्यूमर को हटाने की प्रक्रिया की बात करते हैं, तो यह पहला कदम अक्सर शुरुआती स्टेज में रोगी का चयन करता है। खुली सर्जरी, लम्पेक्टोमी या स्कर्टिक सर्जरी के प्रकार, ट्यूमर के आकार और लोकेशन पर निर्भर करते हैं। सर्जरी के बाद अक्सर कीमोथेरेपी, कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए दवा‑आधारित उपचार जुड़ती है, खासकर जब लिंफ नोड्स में तथ्य पाए जाते हैं। इस क्रम में हार्मोन थेरेपी, हॉर्मोन रिसेप्टर‑पॉजिटिव ट्यूमर को नियंत्रित करने की दवा भी महत्त्व रखती है, क्योंकि कई ब्रेस्ट कैंसर इस तरह के रिसेप्टरों पर निर्भर होते हैं।
स्तन कैंसर के उपचार का चयन रोगी के स्टेज, ग्रेड और जीनोमिक प्रोफ़ाइल पर निर्भर करता है। शुरुआती निदान में मैमोग्राम, अल्ट्रासाउंड और बायोप्सी की भूमिका अहम है; ये इमेजिंग और पैथोलॉजी मिलकर ट्यूमर की प्रकृति बताती हैं। स्टेज I‑II में अक्सर सर्जरी के साथ एडेवांस्ड कीमोथेरेपी या रेडिएशन जुड़ती है, जबकि स्टेज III‑IV में लक्ष्यित थेरपी (जैसे HER2‑ड्राइवेन दवाएँ) और इम्यूनोथेरेपी (जैसे PD‑1 इनहिबिटर) का प्रयोग बढ़ रहा है।
एक प्रमुख सिचुएशन है कि सर्जरी‑आधारित इलाज के बाद रोगी को रेडिएशन थेरपी की जरूरत पड़ती है, खासकर यदि ट्यूमर बैक्सिलरी नोड्स के पास था। रेडिएशन स्थानीय रिकरेंस को कम करता है, लेकिन साइड इफ़ेक्ट्स जैसे त्वचा रैश या थायराइड की समस्याओं का ध्यान रखना पड़ता है। इसी तरह कीमोथेरेपी में डोज़, साइकिल और संयोजन दवाओं का चयन व्यक्तिगत ट्यूमर बायोलॉजी पर आधारित होना चाहिए; कई केंद्र अब जनोमिक टेस्टिंग (जैसे Oncotype DX) को प्रोफ़ाइलिंग के लिए इस्तेमाल करते हैं।
हार्मोन थेरपी में टैमॉक्सिफेन, एरोटिनोस्टेट और एरोलीज (AIs) प्रमुख दवाएँ हैं। ये दवाएँ एस्ट्रोजन रिसेप्टर‑पॉजिटिव कैंसर को कई साल तक नियंत्रित रखती हैं, विशेषकर पोस्ट‑मेनोपॉज़ल महिलाओं में। साइड इफ़ेक्ट्स जैसे हॉट फ्लैश, जॉइंट पेन या हड्डियों की कमजोरी को योग, कैल्शियम और विटामिन D सप्लीमेंट के साथ मैनेज किया जा सकता है।
अंत में यह कहना जरूरी है कि बहु‑विषयक टीम, ऑन्कोलॉजिस्ट, सर्जन, रेडियोलॉजिस्ट, पैथोलॉजिस्ट और साइको‑ऑन्कोलॉजिस्ट की सहयोगी टीम के सहयोग से उपचार की सफलता दर बढ़ती है। रोगी को उपचार के हर चरण में जानकारी देना, फ़ॉलो‑अप प्लान बनाना और लिविंग‑विलनेस प्रोग्राम जैसे फ़िज़ियोथेरेपी या पोषण सलाह देना, पूरे प्रोसेस को मानवीय बनाता है। नीचे दिए गए लेखों में हम इन सभी पहलुओं को विस्तार से देखेंगे, ताकि आप या आपके प्रियजन सही निर्णय ले सकें।
टीवी अभिनेत्री हिना खान स्टेज 3 स्तन कैंसर से पीड़ित हैं, जो बीमारी का एक उन्नत रूप है जहाँ कैंसर स्तन से पास की लिम्फ नोड्स और संभावित रूप से छाती की दीवार या त्वचा तक फैल चुका है, लेकिन दूरस्थ अंगों में नहीं फैला है। स्तन कैंसर के स्टेज 3 को 3 उप-श्रेणियों में विभाजित किया गया है: स्टेज 3A, स्टेज 3B और स्टेज 3C।