जब बात सचिन तेंदुलकर, भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे प्रमुख बैटर की आती है, तो दिल में गर्व का एहसास होता है। उसी समय क्रिकेट, एक टीम‑स्पोर्ट जो दुनिया भर में खेला जाता है भी उत्साहित हो जाता है। भारत, वह देश जहाँ से कई महान खिलाड़ी निकले हैं ने सचिन को अपना राष्ट्रीय नायक बना दिया। उनका 100 अंतरराष्ट्रीय शतक, 6 विश्व कप जीत और 24 साल का अंतरराष्ट्रीय करियर ने विश्व कप, क्रिकेट का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट को भी नई कहानी लिखी।
सचिन तेंदुलकर का बचपन मुंबई के भंवरली में बीता, जहाँ सड़क पर गली‑क्रिकेट खेलना उनका पहला मैदान था। उन्होंने 1990 में अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया और धीरे‑धीरे अपनी तकनीक, धैर्य और तेज़ रफ्तार से सभी को हैरान कर दिया। उनका बैटिंग स्टाइल ‘कट‑ऑफ़’ और ‘डिवोर्ट’ शॉट्स पर आधारित है, जो उन्हें पिच की हर स्थितियों में टिका रखता था। इस कारण वे न सिर्फ टेस्ट में 51½ वर्षों तक टिके रहे, बल्कि एक‑दिन के फॉर्मेट में भी लगातार स्क्रीन पर मौजूद रहे।
सचिन के रिकॉर्ड कई किस्मों में तोड़ते हैं: 200 इंटरनेशनल शतक, 34 हज़ार से अधिक रन, और 7 हज़ार से अधिक फील्डिंग कैच। उन्होंने 2011 के वर्ल्ड कप में अहम भूमिका निभाई, जहाँ भारत ने ऐतिहासिक जीत हासिल की। इस जीत ने उनके करियर को एक नई ऊँचाई दी और लाखों युवा खिलाड़ियों को प्रेरित किया। उनका ‘बेटी‑फर्स्ट’ तकनीक अब कई कोचिंग अकैडमी में अनिवार्य पढ़ाई बन चुकी है।
उनके योगदान को देखते हुए कई संस्थाएँ और पुरस्कार उनकी स्मृति में स्थापित हुए हैं: ‘सचिन तेंदुलकर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट पुरस्कार’, ‘सचिन फाउंडेशन’ आदि। ये संस्थाएँ बच्चों को खेल में रुचि बढ़ाने, शिक्षा और स्वास्थ्य में सहयोग करने के लिए काम करती हैं। सचिन ने स्वयं भी कई शैक्षणिक और सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लिया, जिससे उनकी छवि सिर्फ खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि सामाजिक प्रेरक के रूप में भी उभरी।
क्रिकेट के तकनीकी पक्ष पर बात करें तो सचिन ने ‘बैक‑फ़ुटेड ड्राइव’, ‘रिवर्स स्विंग’ और ‘लेग स्लाइस’ को मास्टर लेवल पर पेश किया। कई युवा बॅटर अब उनके वीडियो विश्लेषण से अपनी तकनीक सुधारते हैं। इसके साथ ही, उनका मनोवैज्ञानिक दृढ़ता, जैसे कि दबाव में स्कोर बनाते रहना, आज के खेल मनोविज्ञान में केस स्टडी बन चुका है।
आज भी उनके नाम पर कई नई कहानियाँ जुड़ती रहती हैं—जैसे 2023 में उनके द्वारा स्थापित 200 इंटरनेशनल शतक का जश्न, या 2025 में नई पीढ़ी के खिलाड़ियों को प्रेरित करने वाला उनका एक सार्वजनिक वार्ता। इन अपडेट्स को पढ़ते समय हम समझते हैं कि वह केवल अतीत के नहीं, बल्कि भविष्य के भी नायक हैं।
नीचे आप सचिन तेंदुलकर से जुड़ी विस्तृत खबरें, आँकड़े, और उनके जीवन से संबंधित रोचक जानकारी पाएँगे, जो आपके क्रिकेट ज्ञान को और भी गहरा करेंगे।
विराट कोहली ने एशिया में सबसे तेज 16,000 रन बनाने का रेकॉर्ड अपने नाम कर लिया है, वह यह कारनामा करने वाले पहले खिलाड़ी बन गए हैं। उन्होंने यह उपलब्धि इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे वनडे में बनाते हुए, सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड तोड़ा। यह उपलब्धि उनके क्रिकेट करियर को नई ऊंचाइयों तक ले जाती है।