जब किसी काम की सफलता को बढ़ाना हो, तो कई लोग मुहूर्त, ज्योतिषीय विज्ञान में वह समय जो ग्रहों की स्थिति के अनुसार शुभ माना जाता है. शुभ समय चुनते हैं। यह सिर्फ धार्मिक रीति नहीं, बल्कि वैज्ञानिक गणनाओं पर आधारित एक रणनीति है जो वैवाहिक समारोह, व्यापारिक शर्तें, घर में शुभ कार्य आदि में मदद करती है।
मुहूर्त को समझने के लिए दो सहायक क्षेत्र हैं: ज्योतिष शास्त्र, ग्रहों की गति, स्थिति और उनकी पारस्परिक क्रिया का अध्ययन और पंचांग, बारह महीनों, तिथियों और नद्यांशों का विस्तृत तालिका जो मुहूर्त तय करने में उपयोगी होती है। दोनों मिलकर यह तय करते हैं कि कौन सा क्षण सबसे अनुकूल है। उदाहरण के तौर पर, यदि शनी ग्रह का द्रव गति बृहस्पति के साथ हो तो यह वित्तीय निर्णयों के लिए अच्छा माना जाता है; यही एक सेमांटिक ट्रिपल है: "मुहूर्त requires ज्योतिष शास्त्र" और "ज्योतिष शास्त्र influences मुहूर्त"।
प्रत्येक मुहूर्त तीन प्रमुख घटकों से बनता है – टाइमिंग, स्थान और कर्म. टाइमिंग यानी सही घड़ी, यह पंचांग में ‘योग’ और ‘अंश’ के आधार पर तय होती है। स्थान का महत्व तब बढ़ जाता है जब कोई निर्माण कार्य या घर में प्रवेश किया जाता है; ‘भूशा’ (भू-शा) के नियम यहाँ काम आते हैं। अंत में, कर्म यानी वह कार्य स्वयं। अगर आप शादी कर रहे हैं, तो मुहूर्त में ‘विवाह योग’ होना चाहिए; अगर घर का नया दरवाज़ा लगाना है, तो ‘गृह प्रवेश योग’ चाहिए। यह संबंध स्पष्ट करता है कि "शुभ दिन encompasses मुहूर्त" और "ग्रह शास्त्र provides पंचांग"।
ग्रह शास्त्र में प्रमुख ग्रहों – सूर्य, चंद्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, राहु, केतु – की स्थितियों को देखना जरूरी है। यदि मंगल मजबूत स्थिति में है तो नया उद्यम या युद्ध संबंधी कार्य सफल हो सकते हैं; यदि शनि मजबूत है तो दीर्घकालिक निवेश और अनुशासन बेहतर रहेगा। यही कारण है कि निवेशकों, महाप्रबंधकों और राजनेताओं को अक्सर मुहूर्त का सहारा लेना पड़ता है। हमारे संग्रह में कई लेख ऐसे घटनाओं के मुहूर्त बताते हैं: राजनीतिक गठजोड़ का समय, नई तकनीक का लॉन्च, बड़े इवेंट की शुरुआत आदि।
जब आप कोई महत्त्वपूर्ण निर्णय ले रहे हों, तो एक सरल चेक‑लिस्ट मददगार होती है:
हमारा ‘मुहूर्त’ टैग पेज विभिन्न क्षेत्रों में लागू मुहूर्तों की जानकारी एकत्र करता है। यहाँ आप राजनैतिक घोषणा, नई तकनीकी लॉन्च, खेल आयोजन, आर्थिक IPO, और सामाजिक कार्यक्रमों के शुभ समय के उदाहरण पाएँगे। प्रत्येक लेख में बताया गया है कि किस ग्रह की स्थिति ने उस क्षण को ‘शुभ’ बनाया और कैसे आप भी अपने भविष्य के फैसलों में समान सिद्धांत लागू कर सकते हैं। आगे नीचे दिए गए लेखों में आपको वास्तविक केस स्टडीज़, तिथि‑वार तालिकाएँ और व्यावहारिक सलाह मिलेंगी जो आपके व्यावसायिक या व्यक्तिगत जीवन को संवारने में मदद करेंगी।
अब आप तैयार हैं कि मुहूर्त की समझ को अपने दैनिक निर्णयों में शामिल कर सकें। नीचे के लेखों को पढ़ें, अपने कैलेंडर में सही समय को चिन्हित करें और देखिए कैसे छोटा‑सा बदलाव बड़े परिणाम लाता है।
धनतेरस 2025 18 अक्टूबर को मनाया जाएगा; न्यू‑दिल्ली और अन्य शहरों में शाम के प्रादोष काल में शुभ मुहूर्त है, जिसमें सोना‑चांदी की खरीदारी आर्थिक व स्वास्थ्य लाभ देती है।