मुहर्रम 2024: तिथियाँ, रिवाज और प्रमुख खबरें

जब बात मुहर्रम 2024, इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना, जो एर‑शोरू से शुरू होता है और क़र्बानी तक चलता है. Also known as हज रजै, it marks बहुत सारे पारंपरिक रिवाजों और सामुदायिक समारोहों का समय है। इस महीने की शुरुआत अक्सर 10 अक्टूबर 2024 के आसपास होती है, लेकिन सटीक तिथि शहीदों के नियम से तय होती है। अगर आप विदेश में हैं या स्थानीय मस्जिद के टाइम टेबल नहीं जानते, तो सबसे भरोसेमंद तरीका है यूएसआर के शहीद जुलहिया कैलेंडर को देखना।

इस्लाम, एक एब्राहमिक धर्म जिसमें कुरान और हदीस आधार हैं के अनुयायियों के लिये मुहर्रम का महत्व सिर्फ एक तिथि तक सीमित नहीं है। एर‑शोरू, मुहर्रम का पहला दिन, जो नौजवानों में आध्यात्मिक जागरूकता बढ़ाता है लोगों को प्रार्थना, ज़िकर और दान‑पात्र कार्यों में संलग्न करता है। इस दौरान कई मस्जिदों में खास इमामों की ताजिया परेड आयोजित की जाती है, जहां सामुदायिक सदस्यों को एक साथ लाया जाता है। वहीं क़र्बानी, मुहर्रम के अंतिम सप्ताह में आयोजित होने वाला पशु‑भेड़ का बलिदान सामाजिक एकता और गरीबी‑उन्मूलन का प्रतीक है। इन तीन मुख्य अवधारणाओं—एर‑शोरू, ताजिया परेड, क़र्बानी—के बीच घनिष्ठ संबंध है, जिससे मुहर्रम सिर्फ एक कैलेंडर एंट्री नहीं, बल्कि एक जीवंत सामाजिक‑धार्मिक प्रक्रिया बन जाता है।

मुहर्रम 2024 के प्रमुख पहलू

मुहर्रम 2024 में सबसे बड़ी खबरें अक्सर लोकल शासन और धार्मिक संगठनों के सहयोग से आती हैं। कुछ राज्यों में मुहर्रम को आधिकारिक छुट्टी घोषित किया गया है ताकि शौकिया कलाकार और शिल्पकार ताजिया बनाकर शहर‑शहर में प्रदर्शित कर सकें। साथ ही, कई सामाजिक समूहों ने क़र्बानी के दौरान दान‑पात्र वाले गरीब परिवारों को मुफ्त भोजन प्रदान करने का वादा किया है। यदि आप इस महीने में किसी विशेष इवेंट की योजना बना रहे हैं—जैसे कि एर‑शोरू पर नवी शबाब सभा या क़र्बानी के बाद की सामुदायिक दावत—तो स्थानीय रूप से घोषित तिथियों पर नज़र रखें, क्योंकि वे अक्सर मौसम और सुरक्षा कारणों से बदल सकती हैं।

इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए नीचे आपके लिये एक क्यूरेटेड लिस्ट है, जिसमें मुहर्रम 2024 से जुड़ी नवीनतम समाचार, रिवाज और विशेष कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी मिलेगी। पढ़ते रहें और इस पवित्र महीने को पूरी समझ के साथ मनाएँ।

मुहर्रम 2024: इतिहास, अशुरा का महत्व और सांस्कृतिक प्रथाएं
मुहर्रम 2024: इतिहास, अशुरा का महत्व और सांस्कृतिक प्रथाएं

मुहर्रम इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना है और इस्लामी नववर्ष की शुरुआत करता है। अशुरा, जो मुहर्रम के दसवें दिन पड़ता है, मुसलमानों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, जो इमाम हुसैन की शहादत को याद करता है। ये दिन शिया और सुन्नी मुस्लिमों के बीच विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है। यह लेख अशुरा के इतिहास, महत्व और सांस्कृतिक प्रथाओं की जानकारी देता है।

जुल॰, 17 2024