जब हम लक्ष्मी पूजन, देवी लक्ष्मी को सम्मानित करने की पूजा है, जो धन‑सम्पदा, सौभाग्य और सौम्य जीवन का प्रतीक है की बात करते हैं, तो कई लोग इस अवसर को केवल एक रिवाज मानते हैं। लेकिन यह पूजा वास्तव में घर के आर्थिक माहौल को सुदृढ़ करती है, खासकर धनतेरस, दीपावली से पहले का उत्सव, जब लोग सोने‑चांदी की खरीदारी करते हैं के साथ मिलकर। साथ ही दीपावली, रौशनी का त्योहार, जो अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है भी इस पूजन को और प्रभावी बनाता है। इन तीनों तत्वों को समझकर आप सही समय, स्थान और सामग्री से पूजन कर सकते हैं, जिससे वित्तीय समृद्धि, भौतिक सुख‑सम्पदा और आर्थिक स्थिरता आपके घर में बसती है। लक्ष्मी पूजन के सही तरीके जानने के बाद आप अगले चरणों की ओर बढ़ सकते हैं।
सबसे पहले साफ‑सुथरा स्थान चुनें—आमतौर पर घर का प्रवेश द्वार या लक्ज़री बाथरूम के बगल में एक छोटा मंडप बनाते हैं। यहाँ पवित्र जल, तुलसी, धनिया, चावल, गुड़ और सफ़ेद धूप रखें। वैदिक मंत्रों में "ॐ श्रीं ह्रीं लक्ष्म्यै नमः" को तीन बार पढ़ें; यह मंत्र ( वैदिक मंत्र, आध्यात्मिक शक्ति को जाग्रत करने वाले श्लोक ) लक्ष्मी के आगमन को तेज़ करता है। यदि आप व्यापारिक क्षेत्र में हैं, तो त्रिकूट पविन्य की पूजा और शुक्रमणि का उपयोग करें, क्योंकि ये चीज़ें आर्थिक लाभ को बढ़ावा देती हैं। साथ ही, पूजन के बाद लड्डू, नारियल, फल वितरित करें; यह सामाजिक सौहार्द को बदलता है और रिवाज के अनुसार शुभ फल देता है।
इन तैयारियों के बाद, आप लक्ष्मी पूजन का वास्तविक चरण शुरू कर सकते हैं। सबसे पहले दीप जलाईए, फिर लक्ष्मी के हाथ में धनराशी (मुहँदी, सोना) रखें। फिर अर्घ्य और प्रसाद चढ़ाएं। अंत में घर के सभी सदस्य मिलकर आशीर्वाद लें और धन‑सम्पदा की कामना करें। इस प्रक्रिया में धनतेरस की खरीदारी को शामिल करना न भूलें, क्योंकि सोने‑चांदी का प्रवेश घर में ऊर्जा को संतुलित करता है। जब आप दीपावली के अंतिम दिन फिर से दीप जलाकर इस पूजा को दोहराते हैं, तो समृद्धि की लहर लगातार बनी रहती है। इन चरणों को अपनाकर आप न केवल व्यक्तिगत बल्कि सामुदायिक स्तर पर भी आर्थिक प्रगति देखेंगे। अब हमारे नीचे के लेखों में आप विभिन्न क्षेत्रों में लक्ष्मी पूजन के नवीनतम रुझानों, विशेषज्ञों की राय, और सफलता की कहानियां पढ़ पाएँगे—सेट‑अप से लेकर परिणाम तक। पढ़ते रहें और अपनी समृद्धि की राह को उज्जवल बनाते रहें।
कार्तिक पूर्णिमा 2024, 15 नवंबर को, धन और समृद्धि के आशीर्वाद के लिए एक अत्यंत शुभ दिन माना गया है। इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करने से वित्तीय स्थिरता मिलती है। भगवान शिव और त्रिपुरासुर के वध की कथा भी इस दिन से जुड़ी है, जिससे देव दिवाली मनाई जाती है। इस दिन विभिन्न उपयों के माध्यम से आर्थिक समस्याओं से मुक्ति पाई जा सकती है।