जब एथलेटिक्स, ट्रैक और फील्ड में दौड़, कूद, फेंक जैसी प्रतियोगिताओं का समूह है, इसे अक्सर खेल एथलेटिक्स कहा जाता है, तो यह भारत और दुनिया के कई एथलीट की कहानी को समेटता है। इसी कारण क्रिकेट, एक टीम खेल जो भारत में बेहद लोकप्रिय है और ओलिंपिक, वैश्विक खेल महोत्सव जिसमें एथलेटिक्स मुख्य आकर्षण है के बीच अक्सर तुलना होती है—दिखावे, तैयारी और देशभक्ति समान रूप से झलकते हैं। एथलेटिक्स के बिना कई खेलों की बुनियादी फिटनेस, गति और शक्ति कमी रह जाती है, इसलिए यह हर बड़े खेल आयोजन की रीढ़ बन जाता है।
एथलेटिक्स का पहला स्तंभ स्प्रिंट है, जहाँ 100 मीटर से 400 मीटर तक की दूरी पर तेज़ी से दौड़ना मुख्य लक्ष्य रहता है। स्प्रिंटरों को सही स्ट्राइड, श्वास-प्रश्वास ताल और पेसिंग तकनीक पर महारत हासिल करनी पड़ती है। दूसरा महत्वपूर्ण घटक कूद की शाखा है—उच्च कूद, लंबी कूद, त्रिपल जंप जैसी इवेंट्स में एथलीट लय, रेल, और शारीरिक लचक पर निर्भर होते हैं। फेंक वाली इवेंट्स, जैसे डिस्कस, जावेलिन और थ्रो, शक्ति और एंगल के संतुलन को परखते हैं। इन सबके बीच पोषण, सही कैलोरी और मैक्रोएंट्रीज़ जो प्रदर्शन को बढ़ाते हैं और ट्रेनिंग तकनीक, इंटरवल, असिस्टेड रनों और प्लायोमिक्स का मिश्रण दो अहम एट्रिब्यूट बनते हैं। यही कारण है कि एथलेटिक्स को सिर्फ एक इवेंट नहीं, बल्कि सम्पूर्ण फिटनेस विज्ञान माना जाता है।
जब एथलेटिक्स को वैश्विक मंच पर देखें, तो ओलिंपिक, प्राचीन एथलीटिक प्रतियोगिताओं की आधुनिक विरासत सबसे बड़ा प्रदर्शक है। ओलिंपिक में एथलेटिक्स का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह सबसे अधिक पदक प्रदान करता है, जिससे राष्ट्रों की खेल नीति और एथलीटों की प्रेरणा दोनों में एक सीधा असर पड़ता है। भारतीय एथलीटों ने हाल के वर्षों में स्टील, ब्रेस्लेट और रॉकी जैसी अंतरराष्ट्रीय धरती पर अपने नाम दर्ज कराए हैं, जिससे देश में एथलेटिक्स की लोकप्रियता में इजाफा हुआ है। यह खेल सिर्फ व्यक्तिगत रिकॉर्ड नहीं, बल्कि राष्ट्रीय गर्व का भी स्रोत बन गया है।
नीचे आप देखेंगे कि हमारे पोर्टल पर एथलेटिक्स से जुड़े कौन‑कौन से ताज़ा लेख, विश्लेषण और इंटरव्यू उपलब्ध हैं। चाहे आप स्प्रिंटर की ट्रेनिंग टिप्स, कूद में नई तकनीक, या ओलिंपिक में भारतीय प्रदर्शन की गहरी रिपोर्ट चाहते हों—सब कुछ यहाँ एक ही जगह पर मिल जाएगा। इन लेखों को पढ़कर आप न सिर्फ खेल का समझ विकसित करेंगे, बल्कि अपने फिटनेस रूटीन में एथलेटिक तत्व भी जोड़ पाएंगे। आगे की सूची में विभिन्न लेखों की झलक मिलेगी जो एथलेटिक्स के विभिन्न आयामों को कवर करती है।
भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने लॉज़ान डायमंड लीग में 89.49 मीटर का थ्रो कर दूसरा स्थान हासिल किया। यह उनका अब तक का सीज़न का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था और उन्होंने अपनी फॉर्म में निरंतर प्रगति दिखाई। अंडरसन पीटर्स ने 90.31 मीटर की थ्रो से प्रतियोगिता जीती।