जब हम डेंगू, एक तीव्र वायरल बुखार है जो एडीज़ (Aedes) मच्छर के काटने से मनुष्यों में फैलता है के बारे में बात करते हैं, तो सबसे पहले सवाल आता है – इसे कैसे पहचाने और बचाव कैसे करें? डेंगू की पहचान आसान है अगर आप सामान्य बुखार, तेज सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और त्वचा पर लाल धब्बे (रैश) को देख लें। साथ ही, रक्त प्लेटलेट की संख्या में गिरावट एक चेतावनी संकेत है। इस लेख में हम डेंगू के प्रमुख पहलुओं – लक्षण, परीक्षण, उपचार और रोकथाम – को थर्डली जुड़े हुए तरीके से समझेंगे, ताकि आप अपने और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकें।
डेंगू के तीन मुख्य एडीज़ मच्छर, उन्हें एडीज़ एएईज एवं एएईज एबी कहते हैं, जो दिन में सुबह 8 से 10 बजे और शाम 4 से 6 बजे अधिक सक्रिय रहते हैं के प्रजनन को तोड़ना सबसे प्रभावी कदम है। पानी जमा होने वाले बर्तन, टायर, फूलदान या किसी भी खुली जगह जहाँ शिशु जल रखे हों, वह मच्छर के एग्स का आदर्श स्थल बन जाता है। नियमित सफाई, जल निकासी और कीटाणुनाशक किटनाशक का उपयोग इन बिंदुओं पर लुप्तता लाता है। एक और महत्वपूर्ण उपाय है डेंगू वैक्सीन, जो कुछ देशों में कई आयु वर्ग के लिए उपलब्ध कराई जा रही है – यह वैक्सीन संक्रमण का जोखिम काफी घटा देती है, खासकर उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में। वैक्सीन के साथ-साथ, यदि कोई व्यक्ति पहले से ही डेंगू से ग्रसित हो, तो डॉक्टर द्वारा बताए गए डेंगू रक्त परीक्षण, जैसे NS1 एंटीजन टेस्ट और IgM/IgG एंटीबॉडी टेस्ट को समय पर करवाना चाहिए, ताकि संक्रमण का सही चरण तय किया जा सके और उचित उपचार मिल सके।
रोकथाम की बात करें तो सबसे पहले अपने रहने की जगह को मच्छर मुक्त बनाएँ। घर के द्वार, खिड़कियों पर जाली लगवाएँ, और रात में कपड़े या बेड सिटिंग पर पंखा या एसी का उपयोग बढ़ाएँ। यदि आप बाहर जाते हैं तो लंबी आस्तीन वाले कपड़े पहनें और मच्छर प्रतिरोधित क्रीम या स्प्रे का उपयोग करें। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष ध्यान देना जरूरी है, क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है।
अगर बुखार 38 से℃ से ऊपर हो और सिरदर्द या मांसपेशियों में दर्द महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। प्राथमिक उपचार में हाइड्रेशन (पानी, इलेक्ट्रोलाइट सॉल्यूशन) और पैरासिटामोल (इबुप्रोफेन से बचें) शामिल है, क्योंकि इबुप्रोफेन रक्त के थक्कों को और घटा सकता है। गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती कर रक्त प्लेटलेट ट्रांसफ़्यूजन, तरल प्रतिस्थापन और बारीकी से मॉनिटरिंग की आवश्यकता होती है।
डेंगू के बारे में सही जानकारी रखना, स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अलर्ट पर नजर रखना और सामुदायिक सफाई अभियानों में सक्रिय भागीदारी करना, इन सभी से हम इस रोग को अपने आसपास के लोगों से दूर रख सकते हैं। आगे पढ़ने में आपको विभिन्न रिपोर्टें, विशेषज्ञ सलाह और ताज़ा आँकड़े मिलेंगे जो डेंगू की मौसमी प्रवृत्तियों, राज्य‑वार मामलों और प्रभावी निवारक उपायों को विस्तार से बताते हैं। अब चलिए, नीचे दी गई सूची में मौजूद लेखों को देखिए और अपने स्वास्थ्य की रक्षा के लिए सबसे उपयोगी टिप्स चुनिए।
पुणे में जीका वायरस के दो मरीजों में डेंगू और चिकनगुनिया के सह-संक्रमण की पुष्टि हुई है। इस नई जानकारी से चिंताएं बढ़ गई हैं, क्योंकि जीका मामलों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है।