जब बात भारतीय रिज़र्व बैंक, भारत का केंद्रीय बैंक है, जो मौद्रिक नीति, बैंकिंग नियमन और विदेशी मुद्रा प्रबंधन का प्रमुख संस्थान है की आती है, तो नाम ही काफी है। यह संस्था विनियम बनाती है, मुद्रास्फीति को नियंत्रित करती है और पूरे वित्तीय बाजार का ढांचा तय करती है। इस कारण हर बड़े वित्तीय कदम, जैसे टाटा कैपिटल का IPO या बैंकों की न्यूनतम आरक्षित अनुपात में बदलाव, सीधे RBI के निर्णयों से जुड़े होते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि इसका आपके रोजमर्रा के खर्च या निवेश से क्या लेना-देना है – चलिए इसे आसान शब्दों में तोड़ते हैं।
पहले देखें टाटा कैपिटल, भारत का प्रमुख वित्तीय सेवा समूह जिसने 2025 में रिकॉर्ड IPO लॉन्च किया। इस IPO को सफल बनाने के लिए कंपनी को भारतीय रिज़र्व बैंक की मंजूरी चाहिए थी, क्योंकि RBI सभी सार्वजनिक पूँजी बाजार की गतिविधियों की निगरानी करता है। इसी तरह न्यूनतम आरक्षित अनुपात, बैंकों को अनिवार्य जमा प्रतिशत, जिसे RBI तय करता है भी RBI की नीति का एक ठोस उदाहरण है। जब RBI CRR को बदलता है, तो बैंकों की उधारी क्षमता पर सीधा असर पड़ता है, जिससे आम नागरिकों के लिए फाइनेंसिंग की लागत तय होती है।
एक और महत्वपूर्ण यंत्र है बेसरेट नीति, आरबीआई की मौद्रिक नीति उपकरण जो बेंचमार्क ब्याज दर निर्धारित करती है। बेसरेट को घटाने से बाजार में पैसा ढेरों में आ जाता है, जिससे शेयर बाजार और रीटेल निवेशकों को लाभ होता है; बढ़ाने से ऋण महंगे हो जाते हैं, जिससे महंगाई पर काबू मिलता है। इस प्रकार भारतीय रिज़र्व बैंक मौद्रिक स्थिरता और विकास को संतुलित करने के लिए इन टूल्स को सटीक समय पर चलाता है।
संक्षेप में, भारतीय रिज़र्व बैंक तीन बड़े क्षेत्रों पर नियंत्रण रखता है – मौद्रिक नीति, बैंकिंग नियमन और भुगतान प्रणाली। मौद्रिक नीति के तहत वे बेसरेट और ओपन मार्केट ऑपरेशन्स का प्रयोग करके महंगाई को लक्ष्य सीमा में रखते हैं। बैंकिंग नियमन में CRR, स्टेटमेंट ऑफ़ लिक्विडिटी और कॅपिटल एडे क्वेसी जैसे मानक शामिल हैं, जो वित्तीय स्थिरता को सुनिश्चित करते हैं। भुगतान प्रणाली में डिजिटल भुगतान, RTGS और NEFT का प्रबंधन भी RBI का काम है, जिससे रोज़मर्रा के लेन‑देनों में सुगमता आती है। इसलिए, जब आप टाटा कैपिटल का IPO देखते हैं, जब आप CRR की खबर पढ़ते हैं, या जब बेसरेट में बदलाव की चर्चा होती है, तो आप अप्रत्यक्ष रूप से भारतीय रिज़र्व बैंक के निर्णयों को देख रहे होते हैं।
अब आप तैयार हैं इस पेज पर नीचे दी गई खबरों, विश्लेषणों और अपडेट्स की सूची को पढ़ने के लिए। यहाँ आपको RBI से जुड़ी मौद्रिक नीति‑परिवर्तन, प्रमुख वित्तीय संस्थानों के कदम, और बाजार में हाल के उतार‑चढ़ाव की विस्तृत जानकारी मिलेगी, जिससे आप वित्तीय दुनिया में बेहतर समझ बना सकेंगे। आगे चलिए, देखें हमारी ताज़ा पोस्ट‑लिस्ट।
डायवाली 2025 (20 अक्टूबर) पर RBI की घोषणा के अनुसार अधिकांश भारतीय बैंकों की शाखाएँ बंद रहेंगी, पर गुजरात, बिहार जैसे राज्य में अतिरिक्त अवकाश होंगा। डिजिटल बैंकिंग सेवाएँ जारी रहेंगी।