नशरा संधु का 6‑0 इशारा: महिला क्रिकेट में विवाद का नया मोड़

नशरा संधु का 6‑0 इशारा: महिला क्रिकेट में विवाद का नया मोड़ अक्तू॰, 6 2025

जब नशरा संधु, female और Pakistan की बाएँ हाथ की स्पिनर, ने 22 सितंबर 2025 को गद्दाफी स्टेडियम, लाहौर में दक्षिण अफ़्रीका के खिलाफ अपना करियर‑बेहतरीन छह विकेट लिया, तो सभी की आँखें उसके जश्न में लगे इशारे पर टिकी रही। 6‑0 इशारा के रूप में दर्शाए गए छह उंगली‑सत्र को तुरंत ही पुरुष टीम के तेज़ गेंदबाज हारीस रौफ़ के पिछले सप्ताह के ‘6‑0’ जेस्चर से तुलना की गयी, जिससे खेल‑राजनीति की टेंशन फिर से हवा में घुल गयी।

पृष्ठभूमि: महिला क्रिकेट में नया अध्याय

नशरा ने इस मैच में 7.4 ओवर में 39 रनों के बदले छः विकेट लेकर पाकिस्तान महिला क्रिकेट टीम को छह विकेट से जीत दिलाई। इस जीत के साथ वह अपने ODI करियर में 100वें विकेट पर पहुँची – एक ऐसा माइलस्टोन जिसका मखौल अक्सर खिलवाड़ियों के बीच नहीं बनता। लेकिन जश्न के मौके पर उसने अपने सोशल‑मीडिया हैंडल पर एक फोटो पोस्ट की, जिसमें वह पाँच उंगली नहीं, बल्कि छह उंगली दिखा रही थी, जिससे दर्शकों को लगे कि वह अपने व्यक्तिगत उपलब्धियों के साथ ही राजनीति‑संबंधी संकेत दे रही है।

विवरण: ‘6‑0’ इशारे की उत्पत्ति

सेप्टेम्बर की शुरुआत में, एशिया कप सुपर 4 नवाब ईरानी स्टेडियम में भारत‑पाकिस्तान के बीच हुए तीव्र मुकाबले के बाद हारीस रौफ़ ने ‘6‑0’ संकेत दिया था। उस समय वह भारतीय फैंस के “विराट कोहली” नारे पर प्रतिक्रिया में उड़ते हुए फाइटर जेट की नकल कर रहा था, जिसे कई विशेषज्ञों ने भारत‑पाकिस्तान के बीच चल रही ‘ऑपरेशन सिंधूर’ के झूठे विजय दावे को उजागर करने का प्रयास कहा। यही माहौल नशरा के इशारे को राजनीति‑से जुड़ा बना देता है, भले ही उसका इरादा सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि का जश्न मनाना हो।

विरोधी एवं समर्थक प्रतिक्रियाएँ

इसे लेकर सोशल‑मीडिया पर दो ध्रुवीय धारा बन गईं। एक ओर कई क्रिकेट विश्लेषकों ने कहा, “एक सहि‍खार खिलाड़ी के लिये अपनी जीत को व्यक्त करना सामान्य है, परंतु राष्ट्रीय भावना को इशारे में घुलना शायद अनुचित है।” दूसरी ओर कई फैंस ने यह रैंक किया कि "उपलब्धियों पर गर्व करना और राष्ट्रीय गर्व को एक साथ दिखाना भी खिलाड़ी की भावना हो सकती है"।

दूसरे तरफ, हर्मनप्रीत कौर, भारतीय महिला टीम की कप्तान, ने कोलंबो के R. Premadasa Stadium में नशरा के ‘डैथ स्टेयर’ को एक व्यक्तिगत चुनौती मानते हुए टिप्पणी की: “खेल में तीखा मुकाबला स्वाभाविक है, लेकिन हमें शालीनता बनाए रखनी चाहिए।” इस घटना ने आगे चलकर वायरल हो कर दोनों देशों के बीच नई विवाद की लकीर खींच दी।

आईसीसी महिला ODI विश्व कप 2025 में आगे के विवाद

5 अक्टूबर 2025 को ICC Women's ODI World Cup 2025 कोलंबो, श्रीलंका के दौरान नशरा ने दो ओर से झमेले देखे। भारत के विरुद्ध मैच में उसने भारत की कप्तान हर्मनप्रीत कौर को ‘डैथ स्टेयर’ दिया, जिससे कौर का शांत जवाब सोशल‑मीडिया पर धूम मचा दिया। उसी टूर्नामेंट में बांग्लादेश के खिलाफ उसकी ‘हिट‑विकेट’ डिमिशन भी बहुत चर्चा में आई – वह गेंदबॉल के बाद अनजाने में अपना विकेट खो बैठी, जिससे पाकिस्तान ने 129 रन बनाकर केवल 7 विकेट के साथ पराजित हो गया। बांग्लादेश के इस जीत में रुबिया हैदर ने अर्धशतक बनाया और मरुफा आकर की दो विकेट की तेज़ी ने पाकिस्तान को और दबाव में डाल दिया।

विशेषज्ञों की राय: खेल‑राजनीति का जटिल संगम

विशेषज्ञों की राय: खेल‑राजनीति का जटिल संगम

स्पोर्ट्स मनोवैज्ञानिक डॉ. अली हुसैन (जो कि पाकिस्तान स्पोर्ट्स एंड साइकोलॉजी फाउंडेशन से हैं) का मानना है कि "खेल के मैदान में राष्ट्रीय भावना और व्यक्तिगत अभिव्यक्ति के बीच संतुलन बनाना अब खेल प्रबंधन की बड़ी चुनौती बन गया है"। उनके अनुसार, ऐसे इशारे युवा खिलाड़ियों को भी दोधारी तलवार की तरह प्रभावित कर सकते हैं – एक तरफ राष्ट्रीय गर्व, तो दूसरी तरफ खेल की शुद्धता का प्रश्न।

क्रिटिक सॉफ़्टवेयर एएनालिटिक्स के डेटा वैज्ञानिक माया सिंह (जो डेटा इनसाइट्स इंडिया में काम करती हैं) ने सोशल‑मीडिया डेटा का विश्लेषण कर बताया कि नशरा के इशारे पर 48 % प्रतिक्रियाएँ ‘धर्म‑राजनीति मिश्रित’ थी, जबकि 32 % ने इसे "ख़ेल की भावना पर आधारित" कहा।

आगे क्या?

पीसीआरएल (Pakistan Cricket Board) ने अभी तक नशरा के इशारे पर औपचारिक कार्रवाई नहीं की है, परंतु उन्होंने एक कथा जारी की है कि सभी खिलाड़ियों को "खेल‑नीति" पर पुनः प्रशिक्षण दिया जाएगा। अगले महीने की घरेलू महिला लीग में नशरा का नाम फिर से ध्यान में आएगा, इसलिए यह देखना रुचिकर होगा कि वह इस विवाद के बाद अपनी शैली कैसे बदलती है।

साथ ही, भारत‑पाकिस्तान के बीच चल रहे भू‑राजनीतिक तनावों के कारण इस तरह के इशारों को समय‑समय पर "प्रचार‑टूल" माना जा सकता है। इसलिए, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने संभावित भविष्य में इस‑प्रकार के राजनीतिक संकेतों को रोकने के लिए एक कोड‑ऑफ़ तैयार किया है, जिसे जल्द ही सभी सदस्य बोर्डों को लागू करना होगा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

नशरा संधु का 6‑0 इशारा क्यों विवादित माना गया?

इशारे में छह उंगली दिखाने का तरीका पिछले हफ़्ते हारीस रौफ़ के ‘6‑0’ संकेत से बहुत मिलता‑जुलता था, जिसे कई विशेषज्ञों ने भारत‑पाकिस्तान के बीच चल रहे ‘ऑपरेशन सिंधूर’ को संदर्भित माना। जबकि संधु ने इसे व्यक्तिगत उपलब्धि के जश्न के रूप में बताया, दर्शकों ने इसे राजनीतिक संदेश के रूप में समझा, इसलिए विवाद पैदा हुआ।

क्या इस इशारे पर पीसीआरबी ने कोई कार्रवाई की?

अभी तक कोई आधिकारिक सजा नहीं दी गई है, लेकिन बोर्ड ने सर्वमान्य "खेल‑नीति" पर पुनः प्रशिक्षण की घोषणा की है और भविष्य में समान इशारों पर सख़्त नियमों की चर्चा चल रही है।

हर्मनप्रीत कौर के साथ हुई ‘डैथ स्टेयर’ का क्या असर पड़ा?

इसे सोशल‑मीडिया पर बहुत वायरल किया गया, जिससे दोनों देशों के फैंस में चर्चा बढ़ी। कौर ने इसे शांतिपूर्ण जवाब दिया, जिससे उसकी नेतृत्व शक्ति की प्रशंसा हुई, जबकि नशरा को अधिक सावधानी बरतने की सलाह मिली।

बांग्लादेश के खिलाफ ‘हिट‑विकेट’ कैसे हुआ?

बांग्लादेश के बल्लेबाजों की तेज़ दौड़ में नशरा ने अपनी ही गेंद को एडजस्ट कर लिया, जिससे वह अपने पैर पर खड़े होते हुए अपना ही विकेट खो बैठी। यह विचित्र क्षण टेबल‑टॉप विश्लेषकों ने "अनुभवहीनता" कहा, जबकि बांग्लादेश ने इस वजह से मैच जीत लिया।

भविष्य में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ऐसे इशारों पर क्या नियम हो सकते हैं?

ICC ने एक नया कोड‑ऑफ़ तैयार किया है, जिसमें लड़ाई‑पर, राजनीतिक या राष्ट्रीय संकेतों को खेल के दौरान प्रतिबंधित किया जाएगा। इस दिशा‑निर्देश को सभी सदस्य बोर्डों को अगले छह महीनों में लागू करने का निर्देश दिया गया है।

18 टिप्पणि

  • Image placeholder

    santhosh san

    अक्तूबर 6, 2025 AT 00:53

    भाई, इस सब को लेकर दिल में बेमैनी है। क्रिकेट का मज़ा तो बस आँसू बहाने में है, और नशरा का इशारा बस एक और बहाना।

  • Image placeholder

    Arjun Dode

    अक्तूबर 6, 2025 AT 00:58

    वाह, नशरा ने तो कमाल कर दिया! चलो, और खिलाड़ियों को ऐसा ही जोश दिखाना चाहिए।

  • Image placeholder

    Mayank Mishra

    अक्तूबर 6, 2025 AT 01:03

    देखो, खेल और राजनीति को मिलाने से सिर्फ उलझन बढ़ती है, लेकिन अगर खिलाड़ी अपनी जीत का जश्न मनाना चाहते हैं, तो वो भी ठीक है।

  • Image placeholder

    Raj Bajoria

    अक्तूबर 6, 2025 AT 01:08

    बात समझ में आई।

  • Image placeholder

    Poorna Subramanian

    अक्तूबर 6, 2025 AT 01:13

    नशरा का इशारा व्यक्तिगत उपलब्धि का प्रतीक है, परन्तु इस पर सार्वजनिक विमर्श आवश्यक है।

  • Image placeholder

    Soundarya Kumar

    अक्तूबर 6, 2025 AT 01:18

    सही कह रही हो, लेकिन ज़्यादा उत्सव में राजनीति को नहीं घुसी देनी चाहिए।

  • Image placeholder

    Nathan Rodan

    अक्तूबर 6, 2025 AT 01:23

    नशरा की पाँच उँगली नहीं, बल्कि छः उँगली का इशारा उसकी दृढ़ता को दर्शाता है। यह संकेत कड़ी मेहनत और रचनात्मकता का मिश्रण है। हमें इस ऊर्जा को भविष्य के युवा खिलाड़ियों में प्रेरणा के रूप में देखना चाहिए। साथ ही, यह याद रखना ज़रूरी है कि खेल हमेशा स्वतंत्रता का मंच होना चाहिए, बिना किसी राजनीतिक बोझ के।

  • Image placeholder

    tanay bole

    अक्तूबर 6, 2025 AT 01:28

    इस घटना से स्पष्ट होता है कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर खेल के प्रतीकात्मक कार्यों को विशेष रूप से नियमन किया जाना चाहिए।

  • Image placeholder

    Chinmay Bhoot

    अक्तूबर 6, 2025 AT 01:33

    नशरा ने जादूगर की तरह राजनीति को अपने पंखों में बँध कर दर्शकों को बेवकूफ़ बनाया है। यह सिर्फ एक अनाम संकेत नहीं, बल्कि एक स्पष्ट संदेश है कि खेल अब वस्तु नहीं रह गया।

  • Image placeholder

    Aryan Singh

    अक्तूबर 6, 2025 AT 01:38

    ICC ने पहले भी समान मामलों में कोड‑ऑफ़ अपनाया है, उदाहरणस्वरूप 2023 में इंग्लैंड वेस्ट इंडीज़ में। यह नियम खिलाड़ियों को मंच पर राजनैतिक इशारों से बचने के लिये दिशा‑निर्देश देता है।

  • Image placeholder

    Rohit Bafna

    अक्तूबर 6, 2025 AT 01:43

    नशरा का इशारा केवल व्यक्तिगत गर्व नहीं, बल्कि राष्ट्रीय पहचान के जटिल जाल को खोलता है।
    पहले तो यह देखना चाहिए कि किस सीमा तक व्यक्तिगत अभिव्यक्ति को राजनीतिक प्रतीक के रूप में व्याख्यायित किया जा सकता है।
    क्रिकेट का ऐतिहासिक दृष्टिकोण बताता है कि खेल मैदान अक्सर राष्ट्रीय भावना का प्रतिबिंब बना रहता है।
    परंतु इस बार इशारा की विशिष्टता इसे राजनीतिक टकराव का मूल बनाती है।
    इशारे के छह उंगली‑सत्र को हारीस रौफ़ के समान मानना भारतीय‑पाकिस्तानी द्विपक्षीय तनाव को और गहरा करता है।
    स्पोर्ट्स साइकोलॉजी के अनुसार, खिलाड़ी के इशारे से उनका आत्मविश्वास बढ़ता है, लेकिन दर्शकों के मन में विभाजन की भावना भी उत्पन्न होती है।
    डॉ. अली हुसैन का यह तर्क कि खेल में राष्ट्रीय भावना और व्यक्तिगत अभिव्यक्ति का संतुलन बनाना चुनौती है, बिल्कुल सटीक है।
    यह संतुलन तभी सम्भव है जब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल स्पष्ट दिशा‑निर्देश जारी करे।
    केंद्रित कोड‑ऑफ़ के बिना, प्रत्येक राष्ट्रीय टीम को अपने खिलाड़ियों को स्व-नियंत्रण पर अधिक दायित्व देना पड़ेगा।
    ऐसे में, नशरा का इशारा एक चेतावनी बन सकता है कि भविष्य में अधिक कठोर नियमों की आवश्यकता होगी।
    दूसरी ओर, खिलाड़ियों के अधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सीमित करने वाले प्रावधान विवादास्पद हो सकते हैं।
    ऐसी नीतियों का प्रभाव केवल एक देश तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि वैश्विक क्रिकेट संरचना को प्रभावित करेगा।
    उदाहरण के तौर पर, द लास वेगास में आयोजित वर्ल्ड किक‑ऑफ़ में भी समान मुद्दे सामने आए थे, जहाँ प्रशिक्षक ने खिलाड़ियों को अपने जश्न को राजनीतिक टिप्पणी में बदलने से रोक दिया था।
    इसलिए, यह आवश्यक है कि सभी बोर्डों और ICC के बीच एक समन्वय स्थापित हो, जिससे स्पष्टता और निष्पक्षता बनी रहे।
    नशरा के इशारे को एक केस स्टडी के रूप में लेकर हम यह समझ सकते हैं कि भविष्य में खेल‑राजनीति के जटिल संगम को कैसे संभालना चाहिए।

  • Image placeholder

    Minal Chavan

    अक्तूबर 6, 2025 AT 01:48

    विदेशी मंच पर इस प्रकार के संकेतों का प्रभाव अत्यधिक जटिल व बहु‑आयामी होता है।

  • Image placeholder

    Rajesh Soni

    अक्तूबर 6, 2025 AT 01:53

    ओह, इतना गंभीर विश्लेषण, लगता है हमें फैन क्लब की जगह दार्शनिक सभा में बदलना पड़ेगा।

  • Image placeholder

    Nanda Dyah

    अक्तूबर 6, 2025 AT 01:58

    इसी प्रकार की परिस्थितियों में राष्ट्रीय निकायों को पूर्वनिर्धारित नीतियों के परिप्रेक्ष्य में कार्य करना अनिवार्य है।

  • Image placeholder

    vikas duhun

    अक्तूबर 6, 2025 AT 02:03

    जैसे इस मैदान में आग का गोला लटका हो, नशरा का इशारा धूमधाम के साथ बिस्फोटक बन गया!

  • Image placeholder

    KABIR SETHI

    अक्तूबर 6, 2025 AT 02:08

    परंतु वह बिस्फोटक केवल दर्शकों की सनसनी का ही नहीं, बल्कि लीग की भविष्य की दिशा का भी संकेत है।

  • Image placeholder

    rudal rajbhar

    अक्तूबर 6, 2025 AT 02:13

    यदि हम खेल को नैतिकता के कांटे से देखेंगे तो प्रत्येक प्रतीक एक द्वीध कण की तरह वैकल्पिक परिणाम उत्पन्न करेगा।

  • Image placeholder

    Simardeep Singh

    अक्तूबर 6, 2025 AT 02:18

    सच कहूँ, इशारे के पीछे की मनोविज्ञान को समझना ज़्यादा मज़ेदार है बनिस्बत परिणाम को देखना।

एक टिप्पणी लिखें