गोरखपुर एयरपोर्ट पर इंडिगो की 10 उड़ानें रद्द, यात्री हंगामा, रेलवे ने चलाईं क्लोन ट्रेनें

गोरखपुर एयरपोर्ट पर इंडिगो की 10 उड़ानें रद्द, यात्री हंगामा, रेलवे ने चलाईं क्लोन ट्रेनें दिस॰, 7 2025

शुक्रवार, 5 दिसंबर 2025 को इंडिगो एयरलाइंस की गोरखपुर एयरपोर्ट से चार प्रमुख उड़ानें अचानक रद्द हो गईं — हैदराबाद, मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु के लिए। यात्रियों को कोई सूचना नहीं मिली, और एयरपोर्ट पर लगभग 200 लोग भीड़ बांधकर हंगामा करने लगे। जब तक वे टिकट लेकर आए थे, तब तक उड़ानें रद्द हो चुकी थीं। यह सिर्फ शुरुआत थी। उसी दिन कुल 10 उड़ानें रद्द हुईं। और अगले दिन, शनिवार, जब एक उड़ान हैदराबाद से नहीं आई, तो पूरा नेटवर्क अस्त-व्यस्त हो गया।

गोरखपुर में उड़ानों का बर्बाद होना

गोरखपुर एयरपोर्ट के निदेशक संजय कुमार ने बताया कि "हमने सभी यात्रियों को सूचना भेजी, और एयरपोर्ट पर पेयजल, बैठने की व्यवस्था की गई।" लेकिन यात्री बोले — "सूचना मिली तो भी बहुत देर से। एक बार टिकट बुक कर लिया तो फिर आपको यकीन हो जाता है कि उड़ान चलेगी।" रुस्तमपुर के अमित शर्मा ने कहा, "मेरे रिश्तेदार आज गोरखपुर आने वाले थे। अब वो घर पर बैठे हैं, न आ सके, न जा सके।"

शनिवार को भी दिल्ली से आने वाली उड़ान एक घंटे देरी से आई। बेंगलुरु की 48 मिनट, मुंबई की डेढ़ घंटे, कोलकाता की एक घंटे 45 मिनट की देरी। और जब उड़ानें निकलीं, तो दिल्ली के लिए डेढ़ घंटे, कोलकाता के लिए दो घंटे, मुंबई के लिए तीन घंटे की देरी। यात्री बस बैठे रहे। एयरपोर्ट के बाहर टैक्सी वाले भी बेचैन थे। एक ड्राइवर ने कहा, "पहले तो यात्री आते, अब वो रेलवे की ओर भाग रहे हैं।"

देश भर में फैला संकट

गोरखपुर सिर्फ एक बिंदु नहीं था। इंडिगो एयरलाइंस का बर्बाद होना पूरे देश में फैल गया। राजधानी भोपाल के राजा भोज एयरपोर्ट पर दो दिन में 13 उड़ानें रद्द। रायपुर में 12 से ज्यादा। इंदौर से दिल्ली, जयपुर, मुंबई, जबलपुर, हैदराबाद, जम्मू, उदयपुर, पुणे और बेंगलुरु की लगभग सभी फ्लाइट्स बंद।

7 दिसंबर 2025 की सुबह तक, देश भर में इंडिगो एयरलाइंस की 600 से ज्यादा उड़ानें रद्द हो चुकी थीं। अगर शुक्रवार से लेकर सोमवार की सुबह तक का समय जोड़ दें, तो 36 घंटे में 1000 से अधिक उड़ानें रद्द हुईं। यह अभी तक का सबसे बड़ा ऑपरेशनल संकट है।

रेलवे ने बचाव योजना शुरू की

इस बीच, रेलवे ने जल्दी से एक नया उपाय निकाला। पूर्वोत्तर रेलवे ने शुक्रवार रात को दो क्लोन स्पेशल ट्रेनें चलाने की घोषणा की — 05587/05588 (गोरखपुर-लोकमान्य तिलक टर्मिनस) और 05591/05592 (गोरखपुर-आनंद विहार टर्मिनस)।

पहली ट्रेन में 35 कोच लगाए गए: 4 शयनयान, 8 वातानुकूलित तृतीय श्रेणी, 2 वातानुकूलित द्वितीय श्रेणी, 1 वातानुकूलित प्रथम श्रेणी, 4 साधारण द्वितीय श्रेणी। दूसरी ट्रेन में अकेले 20 वातानुकूलित तृतीय श्रेणी के कोच। यह अब तक की सबसे बड़ी ट्रेन स्पेशल थी।

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने कहा, "यह एक अस्थायी उपाय है, लेकिन यात्रियों को आश्वासन देने के लिए जरूरी।" लेकिन यहां भी समस्या थी। 22537 कुशीनगर एक्सप्रेस में एसी थर्ड की वेटिंग 300 से ऊपर। अन्य श्रेणियों में नो रूम। लोग ट्रेनों के लिए भी जमा हो गए।

इंडिगो का बयान और असली समस्या

इंडिगो एयरलाइंस ने एक बयान जारी किया: "हम यात्रियों से माफी मांगते हैं। सभी टिकटों का पूरा रिफंड दिया जाएगा। कल से ऑपरेशंस में सुधार होगा।" लेकिन लोग पूछ रहे हैं — "कल से? क्या आपका कार्यक्रम अब तक ठीक नहीं हुआ?"

वास्तविक समस्या यह है — इंडिगो एयरलाइंस के पास स्टाफ की कमी है। पायलट, फ्लाइट अटेंडेंट, मैकेनिक — सब जल्दी से बढ़ती उड़ानों के दबाव में टूट रहे हैं। डीजीसीए ने सभी पायलट एसोसिएशन को चिट्ठी लिखकर सहयोग की अपील की है। लेकिन यह एक दिन का समाधान नहीं है।

अगले कदम क्या होंगे?

अब तक का सबसे बड़ा बिंदु यह है: एयरपोर्ट और रेलवे ने एक अस्थायी समाधान निकाला, लेकिन असली समस्या अभी भी बरकरार है। अगर इंडिगो एयरलाइंस ने अपने स्टाफ की भर्ती और वर्कलोड मैनेजमेंट नहीं सुधारा, तो यह संकट फिर आएगा।

यात्री अब अपने ट्रैवल प्लान में एयरपोर्ट को भरोसा नहीं कर रहे। एक व्यापारी ने कहा, "अब मैं हर बार ट्रेन के लिए भी बुक कर लेता हूं। अगर उड़ान रद्द हो गई, तो ट्रेन अभी भी चलती है।"

Frequently Asked Questions

गोरखपुर एयरपोर्ट पर इंडिगो की उड़ानें क्यों रद्द हुईं?

इंडिगो एयरलाइंस को स्टाफ की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है — पायलट, फ्लाइट अटेंडेंट और मैकेनिक तीनों जल्दी से बढ़ती उड़ानों के दबाव में थक गए हैं। इसके अलावा, देश भर में उड़ानों की संख्या बढ़ने के कारण ऑपरेशनल लॉजिस्टिक्स टूट गई। गोरखपुर जैसे छोटे एयरपोर्ट्स पर यह समस्या और ज्यादा नजर आई।

रेलवे की क्लोन ट्रेनें कितने यात्रियों को राहत दे सकती हैं?

दो क्लोन ट्रेनों में कुल 35 कोच लगाए गए हैं — जिनमें 20 वातानुकूलित तृतीय श्रेणी के कोच हैं। यह लगभग 1,500-1,800 यात्रियों को स्थान दे सकता है। लेकिन रोजाना गोरखपुर से उड़ानों के लिए लगभग 1,200 यात्री जाते हैं। इसका मतलब है कि ट्रेनें बहुत ज्यादा नहीं बचातीं, लेकिन अस्थायी राहत जरूर देती हैं।

इंडिगो ने यात्रियों को रिफंड देने का वादा क्यों किया है?

डीजीसीए के नियम के अनुसार, अगर एयरलाइन उड़ान रद्द करती है, तो यात्री को पूरा रिफंड या बदलाव का विकल्प देना अनिवार्य है। इंडिगो ने इसे जल्दी से घोषित किया ताकि नाराजगी कम हो। लेकिन रिफंड लेने के लिए यात्रियों को अक्सर ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता है — जो बुजुर्ग और ग्रामीण यात्रियों के लिए मुश्किल है।

क्या यह संकट दोबारा हो सकता है?

हां। अगर इंडिगो अपने स्टाफ की भर्ती और वर्कशिफ्ट प्लानिंग नहीं सुधारता, तो यह एक बार फिर दोहराया जा सकता है। वर्तमान में कंपनी के पास उड़ानों के लिए काफी नए पायलट नहीं हैं। और गर्मियों में यात्रा बढ़ेगी — तब यह संकट और बड़ा हो सकता है।

गोरखपुर एयरपोर्ट पर यात्रियों के लिए क्या सुविधाएं उपलब्ध हैं?

एयरपोर्ट प्रशासन ने यात्रियों के लिए पेयजल, बैठने की व्यवस्था, बेसिक मेडिकल सुविधा और वाई-फाई उपलब्ध कराई है। लेकिन जब 200 यात्री एक साथ भीड़ बांध जाते हैं, तो ये सुविधाएं काफी नहीं होतीं। एक यात्री ने कहा, "हमें चाय मिली, लेकिन बैठने के लिए जगह नहीं थी।"

क्या अन्य एयरलाइंस भी इस समस्या से जूझ रही हैं?

नहीं। इंडिगो के अलावा अन्य एयरलाइंस जैसे एयर इंडिया एक्सप्रेस या विस्तारा अभी तक इस तरह के बड़े पैमाने पर रद्दी कर रही हैं। इंडिगो ने देश के 60% एयर ट्रैफिक को अपने नाम किया है — इसलिए इसकी खराबी पूरे नेटवर्क को प्रभावित करती है।