ध्रुव सरजा की 'मार्टिन' समीक्षा: उच्च ध्वनि और कमजोर कहानी की पेशकश
अक्तू॰, 12 2024ध्रुव सरजा की मच अवेटेड वापसी
लंबे समय के बाद, ध्रुव सरजा 'मार्टिन' फिल्म के माध्यम से कन्नड़ फिल्म उद्योग में अपनी मजबूत वापसी कर रहे हैं। इस फिल्म को लेकर दर्शकों में बहुत उत्साह था लेकिन फिल्म ने उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरने में कठिनाई का सामना किया। 'मार्टिन' को एक हाई-ऑक्टेन एक्शन एंटरटेनर के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जहां ध्रुव अपने क्लासिक एक्शन स्टाइल के साथ स्क्रीन पर दिखाई देते हैं। ध्रुव सरजा के फैंस उन्हें 'एक्शन प्रिंस' का खिताब देते हैं, और इस फिल्म में भी वह उसी भूमिका में दिखाई देते हैं।
फिल्म की कहानी की बात करें तो इसे अति-आडंबरपूर्ण तरीके से पेश किया गया है। इसकी कहानी ध्रुव सरजा के किरदार 'मार्टिन' और उनके मुख़ालिफ IRS अधिकारी 'अर्जुन' के बीच संघर्ष की है, जो कि पाकिस्तान में एक-दूसरे के खिलाफ नज़र आते हैं। हालांकि, इस कहानी में दर्शकों को लुभाने की क्षमता कम है। कहानी में कहीं-कहीं ऐसा लगता है जैसे इसे अनावश्यक रूप से जटिल कर दिया गया है, जिससे दर्शकों के लिए फिल्म को समझना कठिन हो जाता है।
फिल्म की ध्वनि और दृश्य
फिल्म की ध्वनि तथा उसके दृश्य विशेष ध्यान आकर्षित करते हैं क्योंकि यह दोनों ही बड़े स्तर पर प्रस्तुत किये गए हैं। हालांकि फिल्म में संवाद बहुत ही जोरदार हैं, जो समय-समय पर फिल्म के दृश्य को दबा देते हैं। एपी अर्जुन, जिन्हें आमतौर पर पारिवारिक और रोमांटिक ड्रामे के लिए जाना जाता है, ने इस बार एक बड़ा कदम उठाते हुए इस भव्य बजट वाली एक्शन फिल्म के निर्देशन का जिम्मा उठाया लेकिन वह इस फिल्म को सही दिशा देने में असमर्थ रहे।
फिल्म के दृश्य पक्ष की बात करते समय आशा थी कि यह दर्शकों को मोहित करेगा, लेकिन परिणाम स्वरूप वे भी ऊबाऊ निकलते हैं। एक्शन सीक्वेंस बहुत ही जटिल हैं और उनमें नवीनता की कमी है। बजाय दर्शकों को एक रोमांचक यात्रा पर ले जाने के, ये सीक्वेंस उनकी धारणाओं को तोड़ते नहीं हैं।ध्रुव सरजा भले ही अपने दमदार परफॉर्मेंस के साथ यहां खुद को साबित करते हैं, लेकिन इसके बावजूद फिल्म को ग्रहण करने का समय देते समय दर्शक निराश ही होते हैं।
फिल्म का लेखन और निर्देशन
फिल्म का लेखन अर्जुन सरजा ने किया है और इसे कुछ अलग, जबरदस्त एक्शन फिल्म बनाने की कोशिश की है। यह मुश्किल काम था, लेकिन परिणामस्वरूप दर्शकों के लिए अव्यवस्थित एवं यथार्थ से परे प्रस्तुति प्राप्त होती है जो कि उन्हें लुभा नहीं पाती। निर्देशन में कहीं न कहीं कमी दिखाई देती है, जो दर्शकों को फिल्म से जुड़ने नहीं देती।
फिल्म में अन्य कलाकारों के लिए बहुत कम गुंजाइश पैदा की गई है। केवल ध्रुव सरजा का ही किरदार ऐसा है जो दर्शकों के लिए कुछ यादगार छोड़ता है। अन्य कलाकार अपनी पहचान छोड़ने में असमर्थ रहते हैं। एपी अर्जुन का निर्णय इस फिल्म को निर्देशित करने का कब अच्छा साबित होता है, यह भविष्य में अधिक परखा जाएगा।
अंतिम टिप्पणी
अंत में, 'मार्टिन' स्वयं को एक अत्यधिक ध्वनिक और विजुएल ट्रीट के रूप में पेश करते हुए दर्शकों को कुछ हताश करने वाला अनुभव देती है। फिल्म में ध्रुव की स्क्रीन प्रजेंस आलोचकों और प्रशंसकों दोनों के बीच प्रशंसा का विषय है, लेकिन कहानी की कमजोरियाँ इसे पूरी तरह से अधूरा छोड़ती हैं। फिल्म के आलोचकों से मिले नकारात्मक प्रतिसाद बताते हैं कि कहीं न कहीं फिल्म की गहरी कमी है।
यह फिल्म अक्टूबर 11, 2024 को थियेटर्स में रिलीज हुई और दर्शकों को फिल्म के अनुभव से कहीं अधिक उसकी खामियों पर ध्यान आकृष्ट कराती है। इस फिल्म को देखने के लिए जाने वाले दर्शक शायद ध्रुव सरजा की एक्टिंग के अलावा कुछ और मनोरंजन नहीं पा सकेंगे।