भारत ने U19 महिला T20 वर्ल्ड कप में दक्षिण अफ्रीका को 9 विकेट से हराया, दुबारा जीत दर्ज

फाइनल का सारांश
कुआलालंपुर के बायुेमास ओवल में खेला गया U19 महिला T20 वर्ल्ड कप फाइनल भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच हुआ। दक्षिण अफ्रीका ने टॉस जीत कर पहले बैटिंग करने का फैसला किया, लेकिन उनके बल्लेबाजों को भारतीय गेंदबाज़ी ने जल्दी ही रोक दिया। तेज़ गति वाली ऑफ‑स्पिन और सटीक लाइन‑लेंथ के कारण प्रोतेज़ केवल 82 रन ही बना पाई, 20 ओवर में 9 विकेट गिरा।
दूसरी ओर भारत का दौरा बिल्कुल सहराया हुआ था। ओपनर गुंगादी त्रिशा ने टीम को ठोस शुरुआत दी, जबकि साथी केमलिनी जी की छोटा योगदान के बाद भी भारत ने लक्ष्य को आराम से 9 विकेट से पाए। त्रिशा ने फाइनल में तीन विकेट भी लिये, जिससे उनका प्रभाव दो तरफ़ा साबित हुआ। इस जीत से भारत ने लगातार दो बार इस प्रतियोगिता का खिताब अपने नाम किया।
भारत की युवा महिला टीम का सफर
टूर्नामेंट की शुरुआत से ही भारत ने शानदार प्रदर्शन किया। ग्रुप‑स्टेज में वे वेस्ट इंडीज, मलाया और श्रीलंका को बड़े अंतर से हराकर अपना आपसी दबदबा स्थापित किया। सुपर‑सिक्स में बांग्लादेश और स्कॉटलैंड के खिलाफ भी टीम ने सहज जीत दर्ज की, जिससे फाइनल तक का रास्ता साफ हो गया।
सेमी‑फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ भारत ने 6 विकेट से जीत कर अपनी जीत की लकीर को छह लगातार मैचों तक बढ़ाया। इस दौरान टीम ने अपनी बैटिंग लाइन‑अप की गहराई और गेंदबाज़ी की विविधता को साबित किया, जिससे विरोधी टीमों को रणनीतिक रूप से परेशान करना आसान हो गया।
दूसरी ओर दक्षिण अफ्रीका का सफर भी सराहनीय था। उन्होंने ग्रुप‑सी में न्यूज़ीलैंड, समोआ और नाइजीरिया को हराकर टॉप पर आया। सुपर‑सिक्स में आयरलैंड को हराने के बाद उनका मैच यूएसए के साथ बारिश के कारण रद्द हो गया, फिर उन्होंने सेमी‑फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को पाँच विकेट से पराजित कर फाइनल में जगह बनाई। परंतु फाइनल में भारत की तेज़ गेंदबाज़ी और त्रिशा की दोहरी भूमिका का सामना नहीं कर पाए।
गुंगादी त्रिशा का सफर खासतौर पर रोचक है। दो साल की उम्र में पिता से प्लास्टिक बैट मिला, तब से ही वह क्रिकेट के प्रति जुनूनी रही। इस टूर्नामेंट में उन्होंने स्कॉटलैंड के खिलाफ इतिहास रचते हुए पहली बार U19 महिला T20 वर्ल्ड कप में सैकड़ें बनाकर नई मिसाल कायम की। कुल मिलाकर उन्होंने 10 इन्निंग्स में 64.8 की औसत, दो हफ़्ट‑सेंचरी और एक सौ के साथ टीम को आगे बढ़ाया। इस फाइनल में उनका तीन विकेट का पर्सनल संक्रमण और अर्धसौंचे का योगदान, U19 महिला क्रिकेट के भविष्य को उज्ज्वल बनाता है।
भारत की इस जीत से यह स्पष्ट होता है कि बेसिक स्तर से ही महिला क्रिकेट में संरचनात्मक विकास हो रहा है। राष्ट्रीय अकादमी, ज्वाइनिंग कैंप और ग्राउंड‑लेवल टैलेंट स्काउटिंग ने मिलकर इस टीम को तैयार किया है। अब युवा खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय मंच पर खुद को साबित कर रहे हैं, जिससे भविष्य में एक मजबूत senior टीम की उम्मीद की जा सकती है।