भारत महिला टीम ने इंग्लैंड पर की पहली T20I श्रृंखला जीत

सीरीज़ का सफर और पहली जीत की कहानी
जुलाई 9, 2025 को लंदन के एक शाम भारत महिला टीम ने इतिहास रचा। चौथे टि‑20 मैच में छह विकेट से जीत कर उन्होंने इंग्लैंड पर पहली बार पूरी श्रृंखला जीत ली। इस जीत ने पहले ही तीन‑एक जीत का दाव हासिल कर दिया था, जिससे अगली दो मैचों के परिणाम का कोई असर नहीं रहा।
सीरीज़ की शुरुआत से ही भारत ने दमदार खेल दिखाया। पहले दो मैचों में दोनों जीतें मिलकर 2‑0 का बड़ा अंतर बना। पहले मैच में स्मृति मंडाना ने अपना पहला टि‑20 शतक बनाते हुए 97 रन से भारत को विशाल जीत दिलाई। दूसरे मैच में अमनजोत कौर और जेमिमाह रोड्रिगेज ने हर एक ने 63‑63 की तेज़ी से दोहरा झटका दिया, जिससे भारत ने 24 रन से जीत हासिल की।
तीसरे मैच में इंग्लैंड ने पाँच रन से दोहन किया, लेकिन भारत ने जल्द ही लीड को फिर से पकड़ लिया। चौथे मैच में राधा यादव ने 2 सॉर्ट की (2/15) के साथ गेंदबाज़ी में चमक बिखेरी। 20‑साल की श्री चारानी ने 2/30 और अनुभवी दीदी दीपती शर्मा ने 1/29 के साथ समर्थित किया। इस त्रयी ने इंग्लैंड को 126/7 पर रोक दिया।
बॉलिंग के बाद जब लक्ष्य का पीछा करना था, तो शुरुआती जोड़ी शफ़ाली वर्मा (32) और स्मृति मंडाना (31) ने 56 रन की साझेदारी बनाई। इस ठोस बुनियाद पर भारत ने लक्ष्य को 18 गेंद बचते‑बचते हासिल कर लिया।

मुख्य आंकड़े और ख़ास यादगार लम्हें
सीरीज़ के दौरान कई उल्लेखनीय परफ़ॉर्मेंस सामने आईं:
- राधा यादव – 2/15 (बॉलिंग में नई उभरती सितारा)
- श्री चारानी – 2/30 (स्पिन का संतुलन)
- दीपती शर्मा – 1/29 (ऑल‑राउंडर की क़ाबलियत)
- स्मृति मंडाना – 31* (पहले मैच में शतक, दोनो मैच में निरंतरता)
- शफ़ाली वर्मा – 32 (खुले काप्टरों में तेज़ शुरुआत)
- अमनजोत कौर – 63 (दूसरे मैच में प्रभावी)
- जेमिमाह रोड्रिगेज – 63 (समरूपता से टीम को मजबूती)
इंग्लैंड ने चौथे मैच के बाद भी हार नहीं मानी और पाँचवीं और आखिरी गेम में पांच विकेट से जीतकर सीरीज़ को 5‑2 से समाप्त किया। लेकिन भारत की पहले से ही निश्चित जीत ने उन्हें इतिहास में नई जगह दिला दी।
यह जीत सिर्फ एक टुर्नामेंट नहीं, बल्कि भारतीय महिलाओं के लिए एक बड़ा आत्मविश्वास का स्रोत है। पिछले दो दशकों में इंग्लैंड के खिलाफ केवल 2006 में ही एक जीत मिली थी, जब लंदन के डर्बी में भारत ने एक साधारण मैच जीता था। अब ये टीम वही दुबारा साबित कर रही है कि वो बड़े मंच पर भी दबदबा बना सकती है।
यह जीत इंग्लैंड में अगली साल होने वाले ICC महिला टि‑20 विश्व कप की तैयारी के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। भारतीय टीम ने इंग्लैंड की पिच, मौसम और भीड़ का अनुभव किया, जिससे वे अपने खेल में और निखार ला सकती हैं।
टूर में तीन‑मैचों की ODI श्रृंखला भी शामिल थी, जहाँ भारत ने 2‑1 से जीत दर्ज की। अंतिम ODI में कप्तान हार्मनप्रीत कौर ने अपना सातवाँ ODI शतक (102) बनाया, जबकि क्रांति गौड़ ने 6/52 की अद्भुत पाँच विकेट कपात कर अपनी पहली ODI पांच‑विकेट की छलांग लगाई।
इन घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारतीय महिलाओं का क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि राष्ट्रीय गर्व का प्रतीक बनता जा रहा है। अब जब भारत महिला क्रिकेट ने बड़े परदे पर अपनी छाप छोड़ी है, तो अगले बड़े मंच – विश्व कप – में इनकी संभावनाएँ और भी रोशन लगती हैं।