बावुमा वापसी के साथ प्रोटीज ने भारत दौरे के लिए टेस्ट स्क्वाड घोषित किया

बावुमा वापसी के साथ प्रोटीज ने भारत दौरे के लिए टेस्ट स्क्वाड घोषित किया अक्तू॰, 31 2025

दक्षिण अफ्रीका की क्रिकेट टीम, जिसे प्रोटीज के नाम से जाना जाता है, ने भारत के खिलाफ शुरू होने वाली दो मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए 15 सदस्यों का स्क्वाड घोषित कर दिया है। यह सीरीज 14 नवंबर, 2025 को धर्मशाला के डीवीएल एमएमसी स्टेडियम से शुरू होगी, और दूसरा टेस्ट 22 नवंबर को मुंबई के वांखेडे स्टेडियम में खेला जाएगा। इस घोषणा के साथ टेम्बा बावुमा वापस आ गए हैं — उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ दो मैचों की सीरीज के दौरान अनुपस्थिति के बाद टेस्ट कप्तानी का जिम्मा संभाला है। यह उनकी 62 दिनों के बाद पहली टेस्ट कप्तानी है, और इस बार वह एक ऐसी टीम की अगुवाई कर रहे हैं जिसे भारतीय धरती पर जीत का अनुभव कराना होगा — क्योंकि पिछले 25 सालों में दक्षिण अफ्रीका ने यहां केवल तीन टेस्ट जीते हैं।

भारत की चुनौती के लिए स्पिन बल्लेबाजी का भारी बल

प्रोटीज के चयनकर्ताओं ने भारतीय ट्रैक के अनुकूल रणनीति बनाई है। टीम में तीन प्रमुख स्पिनर्स शामिल हैं: केशव महाराज (35), साइमन हार्मर (36) और सेनुरन मुथुसामी (32)। यह एक जानबूझकर बदलाव है, क्योंकि पाकिस्तान के दौरे पर केवल दो स्पिनर्स थे। हार्मर को विशेष रूप से भारत के धीमे और रोटेशन वाले पिचों के लिए शामिल किया गया है, जहां उनकी ऑफ-स्पिन और लंबी लाइन-लेंथ ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा असर डाला है। महाराज, जो दक्षिण अफ्रीका के सबसे सफल लेफ्ट-आर्म ऑर्थोडॉक्स स्पिनर हैं, इस बार स्पिन अटैक का नेतृत्व करेंगे।

सीम बल्लेबाजी की अगुवाई: कगीसो रबाडा

सीम बॉलिंग के लिए कगीसो रबाडा (30) को नेतृत्व दिया गया है। उन्हें लाहौर कलंदर्स के साथ पाकिस्तान सुपर लीग में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद इस भूमिका में बढ़ाया गया है। रबाडा ने पिछली सीरीज में भी अपनी तेज गेंदबाजी और टाइमिंग के साथ बल्लेबाजों को नियंत्रित किया था। उनके साथ मार्को जैनसन (26) और वियान मुल्डर (26) जैसे लेफ्ट-आर्म फास्ट और ऑलराउंडर भी शामिल हैं, जो गेंद को लंबा रखने और दबाव बनाए रखने में मदद करेंगे।

बल्लेबाजी लाइनअप: नवाचार और अनुभव का मिश्रण

बल्लेबाजी लाइनअप में एडन मार्क्रैम (31), जो उपकप्तान हैं, और टोनी डी जोर्जी (28) ने ओपनिंग का जिम्मा संभाला है। उनके बाद जुबैर हमजा (29) और रायन रिकेल्टन (28) की बल्लेबाजी का उम्मीदवार है। लेकिन टीम का सबसे रोमांचक एलिमेंट है — डेवाल्ड ब्रेविस (22)। टाइम्स ऑफ इंडिया ने उन्हें "एक्साइटिंग यंगस्टर" कहा है, और उनकी तेज बल्लेबाजी और विकेट के बाद बल्लेबाजी के लिए उनकी योग्यता टीम के लिए एक बड़ी ताकत है।

कोच का संदेश: "भारत में हर खिलाड़ी की भूमिका अहम है"

शुक्री कॉनरड, प्रोटीज के टेस्ट टीम के मुख्य कोच, ने स्क्वाड घोषणा के दौरान कहा, "हमने पाकिस्तान के दौरे के लिए जिस टीम को चुना था, उसका बड़ा हिस्सा इस बार भी रखा है। उन खिलाड़ियों ने उस सीरीज में बड़ी मेहनत से ड्रॉ किया था। भारत भी ऐसी ही चुनौती देगा — और वही खिलाड़ी जिन्होंने पाकिस्तान में अपना काम किया, वे यहां भी कुंजी होंगे।" उन्होंने यह भी जोर दिया कि "हर खिलाड़ी की भूमिका अहम है।" यह संदेश स्पष्ट है — टीम का जिम्मा किसी एक नाम पर नहीं, बल्कि पूरे टीम के सामूहिक प्रयास पर है।

भारत में दक्षिण अफ्रीका का दुखद इतिहास

भारत में दक्षिण अफ्रीका का दुखद इतिहास

दक्षिण अफ्रीका के लिए भारत का दौरा हमेशा से एक बड़ी चुनौती रहा है। पिछले 32 टेस्ट मैचों में से केवल तीन में वे जीते हैं — और अंतिम जीत 19 मार्च, 2019 को रांची में हुई थी, जब फाफ डू प्लेसिस की कप्तानी में उन्होंने भारत को 200 रनों से हराया था। उसके बाद से वे यहां न तो जीते हैं, न ही कोई ड्रॉ किया है। यही कारण है कि इस बार की टीम के लिए यह सीरीज सिर्फ एक टेस्ट मैच नहीं, बल्कि एक इतिहास बदलने का मौका है।

तैयारी और लॉजिस्टिक्स: नियमों का कड़ाई से पालन

भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) के नियमों के अनुसार, प्रोटीज को 4 नवंबर, 2025 से बेंगलुरु के नेशनल क्रिकेट एकेडमी में तीन दिन की ट्रेनिंग कैंप में शामिल होना होगा। साथ ही, हर खिलाड़ी को 3 नवंबर तक दक्षिण अफ्रीका के डिपार्टमेंट ऑफ होम अफेयर्स में वीजा प्रोसेसिंग पूरी करनी होगी। यह एक अनिवार्य चरण है, और इसमें देरी हुई तो टीम का दौरा रद्द हो सकता था। चयन समिति, जिसकी अध्यक्षता विक्टर म्पित्सांग कर रहे हैं, ने ओक्टोबर 27, 2025 तक चली गई सीएसए 4-डे सीरीज के प्रदर्शन को भी ध्यान में रखा।

अगला कदम: भारत के खिलाफ जीत की तलाश

अगर प्रोटीज धर्मशाला में पहला टेस्ट जीत जाते हैं, तो यह भारत में उनकी पहली जीत होगी जिसके बाद कोई भी टीम ने अपनी आत्मविश्वास बहाल नहीं किया। वांखेडे में दूसरा टेस्ट एक ऐसा मैच होगा जहां भारत के लिए भी एक अहम परीक्षा होगी — क्योंकि वे अपनी घरेलू विजय का रिकॉर्ड बरकरार रखना चाहते हैं। इस सीरीज का नतीजा न सिर्फ दोनों टीमों के विश्व टेस्ट चैंपियनशिप स्कोर पर असर डालेगा, बल्कि दक्षिण अफ्रीका के लिए एक नई पहचान भी बन सकता है — एक ऐसी टीम जो भारत में भी जीत सकती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

टेम्बा बावुमा क्यों नहीं खेले पाकिस्तान के दौरे में?

बावुमा को पाकिस्तान के दौरे के लिए अनुपस्थित रहने का कारण आधिकारिक तौर पर बताया नहीं गया, लेकिन स्रोतों के मुताबिक यह एक छोटी सी चोट और व्यक्तिगत कारणों का मिश्रण था। उनकी वापसी ने टीम में नेतृत्व के लिए स्थिरता लाई है, जिसे डीन एल्गर ने अस्थायी रूप से संभाला था।

भारत में दक्षिण अफ्रीका की जीत का अंतिम मैच कब हुआ था?

दक्षिण अफ्रीका ने अपना आखिरी टेस्ट भारत में 19 मार्च, 2019 को रांची में जीता था, जब फाफ डू प्लेसिस की कप्तानी में उन्होंने भारत को 200 रनों से हराया था। उसके बाद से 13 टेस्ट मैचों में वे न तो जीते हैं और न ही ड्रॉ किया है।

इस स्क्वाड में तीन स्पिनर्स क्यों शामिल किए गए हैं?

भारतीय पिचें धीमी और स्पिन के लिए अनुकूल होती हैं। पाकिस्तान के दौरे पर केवल दो स्पिनर्स थे, लेकिन भारत में लंबे समय तक गेंद घूमती है। हार्मर को विशेष रूप से इस चुनौती के लिए शामिल किया गया है, जिससे टीम को दिन के चारों ओर दबाव बनाने का मौका मिलेगा।

डेवाल्ड ब्रेविस क्यों इतना खास है?

ब्रेविस (22) ने आईपीएल में मुंबई इंडियंस के लिए अपनी तेज बल्लेबाजी और अंतिम 10 ओवरों में छक्कों की गिनती से ध्यान आकर्षित किया। उनकी रणनीतिक बल्लेबाजी और तेज रन बनाने की क्षमता भारत के गेंदबाजों के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है।

प्रोटीज की विश्व टेस्ट चैंपियनशिप स्थिति क्या है?

पाकिस्तान के खिलाफ 1-1 ड्रॉ के बाद, प्रोटीज के पास दो मैचों में 120 अंक हैं, जिससे उनकी विजय प्रतिशत 50% है। यह सीरीज उनके लिए चैंपियनशिप रेस में आगे बढ़ने का अवसर है, खासकर जब ऑस्ट्रेलिया और भारत भी तेजी से अंक जमा कर रहे हैं।

क्या भारत के खिलाफ टेस्ट जीतना दक्षिण अफ्रीका के लिए एक नया इतिहास बना सकता है?

बिल्कुल। अगर वे धर्मशाला में जीत जाते हैं, तो यह उनकी भारत में पहली जीत होगी जिसके बाद 6 साल हो चुके हैं। इसका असर सिर्फ अंकों तक ही नहीं, बल्कि टीम के आत्मविश्वास और वैश्विक छवि पर भी पड़ेगा — वे साबित कर देंगे कि वे भारत में भी जीत सकते हैं।

12 टिप्पणि

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    Kaviya A

    नवंबर 1, 2025 AT 12:08

    ये टीम तो बस घूमने आई है भारत में जीतने की कोशिश नहीं कर रही

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    Nilisha Shah

    नवंबर 2, 2025 AT 14:34

    बावुमा की वापसी सिर्फ नेतृत्व का सवाल नहीं, बल्कि टीम के मानसिक स्तर को ऊपर उठाने का भी मौका है। उनकी शांत प्रकृति और रणनीतिक सोच भारतीय पिचों पर बहुत काम आएगी। जब तक टीम के अंदर ऐसा नेता होगा जो दबाव में भी स्पष्ट रहे, तब तक यह टीम अपनी असली क्षमता नहीं दिखा पाएगी।

    स्पिन अटैक का यह संयोजन-महाराज, हार्मर, मुथुसामी-बहुत सोच समझ के साथ चुना गया है। भारत के धीमे, रोटेशन वाले पिच तो इन तीनों के लिए बने हुए हैं। एक भी गेंद गलत लाइन में नहीं फेंकनी पड़ेगी, और यही तो भारतीय बल्लेबाजों को तंग करने का तरीका है।

    रबाडा के साथ जैनसन और मुल्डर का कॉम्बिनेशन भी बहुत समझदारी से बनाया गया है। तेज गेंदबाजी अभी भारत में काम नहीं करती, लेकिन लंबा रखना और निरंतर दबाव बनाए रखना तो हो सकता है। ये तीनों एक दूसरे के लिए बहुत अच्छे हैं।

    डेवाल्ड ब्रेविस के बारे में तो मैं बहुत उत्साहित हूँ। उसकी बल्लेबाजी का अंदाज़ बिल्कुल नया है-आधुनिक, जोखिम भरा, और अत्यंत आक्रामक। भारतीय स्पिनर्स उसे नियंत्रित करने की कोशिश करेंगे, लेकिन अगर वह अपनी तेजी और फॉर्म को बनाए रखता है, तो वो इस सीरीज का सबसे खतरनाक खिलाड़ी बन सकता है।

    पिछले 25 सालों में दक्षिण अफ्रीका की भारत में जीत का रिकॉर्ड इतना खराब है कि यह सिर्फ एक टेस्ट नहीं, बल्कि एक नए युग की शुरुआत हो सकती है। अगर वे धर्मशाला में जीत जाते हैं, तो दुनिया भर के क्रिकेट फैंस का नज़रिया बदल जाएगा।

    कोच का संदेश-"हर खिलाड़ी की भूमिका अहम है"-बहुत सही है। इस टीम में कोई एक स्टार नहीं है, बल्कि एक टीम है। और यही उनकी ताकत है।

    भारत के लिए भी यह एक बड़ी चुनौती है। घर पर जीतना आसान नहीं है, लेकिन अगर वे इस टीम को बर्बाद कर देते हैं, तो उनकी अपनी टीम की भी आत्मविश्वास को नुकसान पहुंचेगा।

    मैं इस सीरीज को बहुत ध्यान से देखूंगा। यह न केवल खेल का मुकाबला है, बल्कि एक इतिहास का बदलाव है।

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    Supreet Grover

    नवंबर 3, 2025 AT 19:22

    इस स्क्वाड की स्ट्रक्चरल डेप्थ बहुत ही सोची-समझी हुई है। स्पिन बैंक का 3-प्लेयर वर्किंग मॉडल इंडियन ट्रैक्स के लिए ओप्टिमाइज्ड है। इंडेक्स ऑफ स्पिन डेप्थ (ISD) इस टीम में अत्यधिक हाई है। फ्लैट पिच फैक्टर के विपरीत, यहां रोटेशनल डायनामिक्स को एक्सप्लॉइट किया जा रहा है।

    हार्मर की ऑफ-स्पिन एंगल और महाराज के लेफ्ट-आर्म ऑर्थोडॉक्स का कॉम्बो टेस्ट क्रिकेट में एक नए पैटर्न की शुरुआत कर सकता है। इसके अलावा, ब्रेविस की एक्सप्लोसिव बैटिंग फॉर्मुला लास्ट-10-ओवर डायनामिक्स को रिडिफाइन कर सकती है।

    कोच का एंट्रोपी-बेस्ड लीडरशिप मॉडल-"हर खिलाड़ी की भूमिका अहम"-एक विश्वसनीय टीम सिस्टम का संकेत है। यह विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में एक रणनीतिक एडवांटेज हो सकता है।

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    Saurabh Jain

    नवंबर 5, 2025 AT 16:09

    यह टीम देखकर लगता है कि दक्षिण अफ्रीका अब भारत के खिलाफ खेलने का अपना तरीका बदल रहा है। पहले तो बस तेज गेंदबाजी पर भरोसा था, लेकिन अब स्पिन और टीम वर्क पर जोर दिया जा रहा है। यह एक सम्मानजनक बदलाव है।

    भारत भी इस टीम को नज़रअंदाज नहीं कर सकता। अगर वे इसे सिर्फ एक और टीम समझ लेंगे, तो यह उनके लिए खतरनाक हो सकता है।

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    Suman Sourav Prasad

    नवंबर 7, 2025 AT 11:58

    मैं तो बस यही कहूंगा कि बावुमा वापस आ गए हैं, और अब टीम में एक असली लीडर है। पाकिस्तान के दौरे पर जो बातें हुईं, वो बहुत अजीब लगीं, लेकिन अब सब कुछ सही हो रहा है।

    हार्मर को शामिल करना बहुत बड़ी बात है, उसकी गेंदें तो भारतीय पिच पर बहुत खेलती हैं। और ब्रेविस-अरे भाई, ये तो बस एक बम है, जो जब भी बल्ला घुमाएगा, वो छक्का मार देगा।

    अगर भारत इस टीम को आसानी से हरा देता है, तो ये बात नहीं होगी कि भारत बहुत अच्छा है, बल्कि ये होगा कि दक्षिण अफ्रीका बहुत कमजोर है।

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    Nupur Anand

    नवंबर 7, 2025 AT 12:21

    तुम सब बस बावुमा के नाम पर बहस कर रहे हो, लेकिन असली सवाल यह है-क्या दक्षिण अफ्रीका की टीम इतनी अच्छी है कि वो भारत में जीत सकती है? या फिर तुम सब बस एक नए आईडिया के लिए झूठी उम्मीदें बना रहे हो? ये टीम तो पाकिस्तान में ड्रॉ करके भी बच गई थी। भारत में जीतने का कोई नाम-निशान नहीं है।

    डेवाल्ड ब्रेविस? ओह, ये तो बस एक आईपीएल का चमचमाता नाम है। टेस्ट क्रिकेट में उसकी बल्लेबाजी चार दिन में बर्बाद हो जाएगी।

    हार्मर की ऑफ-स्पिन? तुम्हें पता है कि भारत में एक अच्छा स्पिनर कितना दुर्लभ है? तुम तीन स्पिनर्स लाए हो, लेकिन जब तक तुम भारतीय बल्लेबाजों को नहीं दबा पाओगे, तब तक तुम बस एक अच्छा गुणवत्ता वाला गेंदबाजी बैंक बन जाओगे।

    और तुम सब जो ये कह रहे हो कि ये एक इतिहास बदलने का मौका है-ये सिर्फ तुम्हारी बेकार की भावनाएं हैं। भारत ने दक्षिण अफ्रीका को इतने सालों से धरती पर दबोचा है। ये टीम तो बस एक और बेकार का दौरा कर रही है।

    कोच का संदेश? "हर खिलाड़ी की भूमिका अहम है"-ये तो बस एक बड़ा झूठ है। जब तक तुम्हारी टीम में कोई वास्तविक स्टार नहीं है, तब तक ये सब बकवास है।

    मैं तुम्हारी टीम को नहीं देख रही, मैं तुम्हारी आत्मविश्वास की कमी को देख रही हूँ।

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    Vivek Pujari

    नवंबर 9, 2025 AT 06:14

    भारत के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका की जीत का अंतिम मैच 2019 में हुआ था-और आज भी वही रिकॉर्ड बना हुआ है। ये टीम जीतने की नहीं, बल्कि बर्बाद होने की तैयारी कर रही है।

    ब्रेविस? एक आईपीएल का बच्चा। टेस्ट में वो एक दिन में बर्बाद हो जाएगा।

    स्पिनर्स? भारतीय पिच पर तीन स्पिनर्स लाना बहुत बड़ी बात है? नहीं, ये बस एक बहाना है कि तुम्हारे पास कोई तेज गेंदबाज नहीं है।

    ये टीम तो बस एक बड़ी फेल्योर है। अगर वो धर्मशाला में जीत जाती है, तो मैं अपना नाम बदल दूंगा।

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    Ajay baindara

    नवंबर 9, 2025 AT 13:30

    ये टीम तो भारत के खिलाफ खेलने के लिए नहीं, बल्कि भारत के खिलाफ बर्बाद होने के लिए आई है।

    बावुमा की वापसी? बस एक बहाना। इस टीम में कोई नेता नहीं है।

    हार्मर की ऑफ-स्पिन? भारतीय बल्लेबाज उसे देखकर हंस देंगे।

    ब्रेविस? एक आईपीएल का बच्चा।

    इस टीम को देखकर लगता है कि दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट का अंत हो चुका है।

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    mohd Fidz09

    नवंबर 9, 2025 AT 15:33

    भारत के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका की जीत का रिकॉर्ड इतना खराब है कि ये टीम बस एक बर्बादी का नाम है।

    बावुमा? वो तो बस एक नाम है। असली लीडर तो भारत के पास है।

    हार्मर? उसकी गेंदें भारतीय पिच पर बस गिर जाएंगी।

    ब्रेविस? एक आईपीएल का चमचमाता बच्चा।

    ये टीम भारत में जीतने के लिए नहीं, बल्कि भारत के खिलाफ अपनी शर्म को दिखाने के लिए आई है।

    मैं भारत के लिए खड़ा हूँ। और ये टीम बस एक बर्बादी है।

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    Rupesh Nandha

    नवंबर 10, 2025 AT 19:30

    यह सीरीज सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि एक विचार का संघर्ष है-पारंपरिक बल्लेबाजी के खिलाफ नवीन रणनीति का।

    बावुमा की वापसी ने टीम में एक शांत शक्ति ला दी है। उनका नेतृत्व अभी तक के किसी भी कप्तान से अलग है-वे आदेश नहीं देते, बल्कि अपने खिलाड़ियों को विश्वास दिलाते हैं।

    तीन स्पिनर्स का चयन एक गहरी दृष्टि का परिणाम है। भारतीय पिचें अक्सर बल्लेबाजों को भ्रमित कर देती हैं, और इस टीम ने उसी भ्रम को अपनी शक्ति बना लिया है।

    डेवाल्ड ब्रेविस के बारे में बहुत सारे लोग उसे बस एक आईपीएल का बच्चा समझते हैं, लेकिन उसकी बल्लेबाजी में एक अजीब सी गहराई है-वह दबाव में भी निर्णय ले सकता है।

    यह सीरीज न केवल एक खेल है, बल्कि यह एक बातचीत है-दो संस्कृतियों के बीच, दो तरीकों के बीच, दो दृष्टिकोणों के बीच।

    अगर दक्षिण अफ्रीका जीत जाती है, तो यह बताएगा कि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट अब बस तेज गेंदबाजी या बड़े बल्लेबाजों पर निर्भर नहीं है।

    और अगर भारत जीत जाता है, तो यह बताएगा कि घरेलू विजय का रिकॉर्ड अभी भी एक अद्भुत शक्ति है।

    मैं इस सीरीज को खेल के बाहर की एक दर्शनिक लड़ाई के रूप में देख रहा हूँ।

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    suraj rangankar

    नवंबर 11, 2025 AT 15:43

    ये टीम बस जीतने के लिए नहीं, बल्कि अपनी आत्मा को भी बहाल करने के लिए आई है।

    बावुमा की वापसी एक बहुत बड़ी बात है। वो बस एक कप्तान नहीं, बल्कि एक प्रेरणा है।

    हार्मर और महाराज के साथ ये स्पिन अटैक तो बस एक जादू है। भारतीय पिच उनके लिए बनी हुई है।

    ब्रेविस? वो तो एक बम है। अगर वो बल्ला घुमाएगा, तो भारतीय गेंदबाज डर जाएंगे।

    भारत के लिए ये एक बड़ी चुनौती है, लेकिन दक्षिण अफ्रीका भी अपनी टीम को विश्वास दे रही है।

    मैं इस सीरीज को बहुत उत्साह से देखूंगा।

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    Nadeem Ahmad

    नवंबर 12, 2025 AT 06:31

    बावुमा वापस आ गए हैं। बाकी सब तो बस नियमित चीजें हैं।

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