Zomato ने 15 मिनट में डिलीवरी सेवाएं 'Everyday' और 'Quick' बंद की, मांग और ढांचे में कमी प्रमुख वजह

Zomato की 15 मिनट डिलीवरी सर्विस पर ब्रेक: क्या रही असली वजह?
सोचिए, भूख लगी हो और महज़ 15 मिनट में खाना हाज़िर हो जाए। इसी सपने को सच करने उतरी थी Zomato अपनी 'Everyday' और 'Quick' जैसी सेवाओं के साथ। लेकिन चौंकाने वाली बात रही कि सिर्फ चार महीने में ही कंपनी ने इन दोनों फास्ट डिलीवरी सेवाओं पर ताला जड़ दिया।
CEO दीपिंदर गोयल ने खुद ऐलान किया कि दोनों सर्विसेज़ को खत्म करने के पीछे मुख्य वजह रही मांग में कमी और ऑपरेशन की चुनौतियाँ। शहरों में रेस्टोरेंट्स की सीमित संख्या, प्रॉपर किचन इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी और लगातार ग्राहक अनुभव में अंतर—ये सब बड़ी दिक्कतें बनकर सामने आईं।
'Quick' सर्विस, जिसमें 2 किलोमीटर के दायरे में ताज़ा खाना पहुंचाने का वादा था, धीरे-धीरे ऐप से गायब हो गई। मुंबई, बेंगलुरु और गुरुग्राम जैसे बड़े शहरों में भी इसका ट्रायल रह गया। वैसे, एक वक्त पर ये कुल ऑर्डर का लगभग 8% दे रही थी, लेकिन विस्तार के मामले में बुरी तरह पिछड़ गई।
अब बात करें 'Everyday' की, तो ये पहले 'Zomato Instant' के नाम से मशहूर थी। ऑफिस और मेट्रो इलाकों तक सीमित रही, और ज्यादातर कॉर्पोरेट कर्मचारियों तक ही रह गई। आम ग्राहकों के बीच पैठ बनाने में नाकामयाब रही।
बड़ी गिरावट, नए बदलाव और साथ में टफ कॉम्पिटिशन
शेयरधारकों के लिए भी खबर मायूसी वाली रही। Zomato की मूल कंपनी Eternal ने 2025 की चौथी तिमाही में मुनाफा 78% गिरकर सिर्फ 39 करोड़ रुपए पर आते देखा। डिलिवरी पार्टनर की कमी, क्विक कॉमर्स सेक्टर से सीधी टक्कर, और मांग में सुस्ती ने कंपनी की सेहत बिगाड़ी। इसी समय कंपनी के मुख्य फूड डिलीवरी अधिकारी राकेश रंजन ने इस्तीफा दे दिया, और दीपिंदर गोयल ने खुद पद संभाल लिया।
अगर आप सोच रहे हैं कि क्या फास्ट डिलीवरी सेक्टर ही मुश्किल में है, तो जवाब ‘न’ में है। Zomato भले रुक गई हो, पर मुकाबला काफी तगड़ा है। Zepto रोज़ 1 लाख से ज़्यादा डिलीवरी कर रहा है Zepto Cafe के ज़रिए, और Swiggy ‘Bolt’ से तीसरी तिमाही में 9% रेवेन्यू कमा रहा है। Blinkit ने भी अपनी डिलीवरी को दो हिस्सों में बांट, रेस्तरां फूड और स्नैक्स को अलग रखा है, जिससे सप्लाई चेन में आसानी रही।
Zomato ने ये भी साफ किया है कि अभी Everyday को फिर से लॉन्च करने की कोई तय तारीख नहीं है। यानी, जब तक नया स्ट्रैटजी या रिब्रांडिंग नहीं होती, क्विक फूड चाहने वाले यूज़र्स के लिए ये दरवाज़ा बंद ही रहेगा। कंपनी के ताजा फैसले से ये तो साफ हो गया कि क्विक डिलीवरी सिर्फ आइडिया नहीं, मजबूत डिमांड, बढ़िया संरचना और स्मार्ट ऑपरेशन की भी दरकार है।