संविधान दिवस: सरकार ने शुरू किया साल भर चलने वाला जागरूकता अभियान

संविधान दिवस: सरकार ने शुरू किया साल भर चलने वाला जागरूकता अभियान नव॰, 27 2024

संविधान दिवस: भारतीय लोकतंत्र की आधारशिला

संविधान दिवस के उपलक्ष्य में भारत सरकार ने वर्षभर चलने वाले जागरूकता अभियान की योजना बनाई है। यह आयोजन भारतीय संविधान को बेहतर समझने और समाज में इसकी अहमियत का प्रसार करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। 26 नवंबर को 75वीं वर्षगांठ के रूप में मनाया जाएगा जब 1949 में संविधान सभा के द्वारा संविधान को अपनाया गया था। भारतीय संविधान, जो अपनी विशालता और समृद्धता के लिए विख्यात है, का कार्यान्वयन 26 जनवरी, 1950 को किया गया था और तब से यह भारतीय लोकतंत्र की मजबूत आधारशिला रही है।

राष्ट्रीय नेतृत्व का योगदान

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू नई दिल्ली के पुराने संसद भवन के केंद्रीय हॉल में इस कार्यक्रम का नेतृत्व करेंगी। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी शामिल होंगे। इस खास मौके पर एक यादगार सिक्का और डाक टिकट जारी किया जाएगा। इसके अलावा, संविधान75.कॉम नामक एक समर्पित वेबसाइट को भी लॉन्च किया जाएगा जो बहुभाषी संसाधन, संविधान की विभिन्न भाषाओं में संस्करण और नागरिकों के लिए प्रस्तावना पढ़ने की सुविधा प्रदान करेगी।

भारतीय संविधान की विशेषताएँ

भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है, जिसमें लगभग 1,45,000 शब्द हैं और इसे अब तक 106 बार संशोधित किया गया है। शुरुआत में इसमें 22 भागों में 395 अनुच्छेद थे, जो अब बढ़कर 448 हो गए हैं। इसे एक ‘जीवंत दस्तावेज़’ के रूप में देखा जाता है, जो समय के हिसाब से स्वयं को अद्यतन करता है। संविधान न केवल एक कानूनी दस्तावेज है, बल्कि एक ऐसी भावना भी है जो राष्ट्र को दिशा देती है।

नेताओं के वक्तव्य और योगदान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय संविधान के महत्व पर जोर दिया है और इसकी भूमिका को मात्र कानूनी दस्तावेज से बढ़कर राष्ट्र की मार्गदर्शी सिद्धांत के रूप में बताया है। उन्होंने विभिन्न पहलों के माध्यम से हर एक नागरिक को बेहतर जीवन गुणवत्ता, गरिमा और सामाजिक न्याय प्रदान करने के प्रयासों को भी रेखांकित किया है। संविधान के निर्माणकर्ताओं को भी इस कार्यक्रम में विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा, जिसमें डॉ. भीमराव आंबेडकर की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख है।

वर्षभर जागरूकता अभियान

‘हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान’ के नारे के तहत, भारतीय संविधान के प्रति जागरूकता और प्रशंसा बढ़ाने के उद्देश्य से वर्षभर के लिए कई कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है। इसका मकसद संविधान में निहित मूल्यों को पुनः स्थापित करना और संविधान सभा के सदस्यों के योगदान का सम्मान करना है। इस सन्दर्भ में संस्कृति मंत्रालय ने भी प्रमुखता से योगदान दिया है।

इस मौके पर विपक्ष के नेताओं ने भी अपने शुभकामनाएं दी हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संविधान सभा और उसके सदस्यों के अतुलनीय योगदान को याद किया। वहीं, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संविधान को राष्ट्रीय एकता और अखंडता का मंत्र बताते हुए हर व्यक्ति को न्याय और समान अधिकार सुनिश्चित करने पर जोर दिया।

इस आयोजन के माध्यम से एक प्रयास किया जा रहा है कि भारतीय संविधान की संवेदनशीलता और इसकी सामाजिक ऊर्जा को और अधिक व्यापक रूप से पहचाना जाए और उसे आम जनता तक पहुँचाने का प्रयास किया जा सके। संविधान दिवस का यह वर्षभरा आयोजन भारतीय लोकतंत्र की आत्मा की पुनःस्थापना का एक महत्त्वपूर्ण कदम है।